बेमौसम बारिश से किसानों की बढ़ी चिंता,दल्लीराजहरा सहित क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश से खेतों में पड़ा धान भीगा, कटाई पर ब्रेक

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Deepak Mittal

 

दल्लीराजहरा, 25 अक्टूबर (शुक्रवार की संध्या) शहर सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में शुक्रवार की शाम अचानक हुई बेमौसम बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया। आसमान में अचानक उमड़े बादलों के साथ तेज हवाओं और झमाझम बारिश ने ठंडक तो बढ़ा दी, लेकिन किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खींच दी हैं।

खेतों में पड़ा धान भीगा, कटाई पर रोक
दीपावली के बाद से पूरे क्षेत्र में तेजी से धान की कटाई का काम चल रहा था। अधिकांश किसानों ने खेतों में कटे हुए धान को सुखाने के लिए रखा हुआ था, लेकिन अचानक हुई बारिश से यह धान भीग गया। कई खेतों में पानी भर गया, जिससे कटाई और मड़ाई दोनों प्रभावित हो गई हैं।

किसान बोले — “एक बारिश ने मेहनत पर पानी फेर दिया”
ग्राम चिखली, साल्हे, सिघनवाही कोकान बोरगांव ठेमाबुजुर्ग चिखलाकसा अरमुरकसा पथराटोला कुसुमकसा डौडी और आसपास के गांवों के किसानों ने बताया कि यह बारिश उनकी मेहनत पर पानी फेरने जैसी है। “हमने सोचा था कि दीपावली के बाद धान बेचकर कुछ राहत मिलेगी, लेकिन अब खेत में पड़ा धान खराब हो सकता है,” एक किसान ने रोते-बिलखते व्यथित होकर कहा।

खरीदी प्रारंभ होने से पहले बिगड़ा मौसम, नई परेशानी
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 17 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ की जानी है। ऐसे में किसानों ने खेतों से फसल निकालने की तैयारी तेज कर दी थी, लेकिन मौसम की इस करवट ने सारे समीकरण बिगाड़ दिए। यदि आने वाले दिनों में धूप नहीं निकली, तो कई क्विंटल धान का गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।

मौसम विभाग की चेतावनी — “आने वाले दो दिन हल्की बारिश की संभावना”
मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों के भीतर हल्की वर्षा की संभावना जताई है। इस कारण किसानों की बेचैनी और बढ़ गई है। खेतों में पानी भर जाने और धान गीला होने से कई जगह कटाई पूरी तरह ठप हो गई है।

प्रशासन से सहायता की उम्मीद,,
किसानों ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि यदि मौसम की मार से फसल खराब होती है, तो सर्वे कर उचित मुआवजा दिया जाए। किसान संगठनों ने भी इस बारिश को “किसान की मेहनत पर वज्रपात” बताया और सरकार से आपदा राहत की मांग की है।

“किसान संभाले उम्मीद की डोर”
भले ही बेमौसम बारिश ने चिंता बढ़ा दी हो, लेकिन किसान उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं। धूप निकलते ही फिर से कटाई-मड़ाई शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं। धरती पुत्र एक बार फिर मौसम की मार झेलकर भी अपनी मेहनत से स्वर्ण धान को अनाज के रूप में बदलने के लिए तत्पर है,,,!

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Author: Deepak Mittal

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