लोकआस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा आज शनिवार को ‘नहाय-खाय’ के साथ शुरू हो गया है। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व न सिर्फ बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में, बल्कि देश और विदेश में भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय होता है। वहीं, खरना के दिन से व्रत का आरंभ हो जाता है। श्रद्धालु अगले दिन टोकरी में कई प्रकार के फल, पकवान आदि लेकर घाट पर जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि टोकरी और सूप में कुछ फलों का होना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इनके बिना छठ पर्व अधूरा रह सकता है। साथ ही, ये फल छठ मैया को भी बेहद प्रिय हैं। जानते हैं छठ मईया के 7 प्रिय फल जो पूजा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
डाभ नींबू:
डाभ नींबू सामान्य नींबू की तुलना में काफी बड़ा होता है। यह अंदर से लाल रंग का होता है। डाभ नींबू का स्वाद खट्टा-मीठा होता है। इसके ऊपर की परत बेहद मोटी होती है जिसके चलते पशु-पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते हैं। यह नींबू छठी माता को बहुत प्रिय है। ऐसे में पूजा के लिए डाभ नींबू जरूर लाना चाहिए।
गन्ना:
कई जगहों पर लोग गन्ने का घर अपने आंगन में बनाकर उसके नीचे हाथी रखकर छठी मैया की पूजा करते हैं। ऐसा विशेष रूप से तब भी किया जाता है जब छठ पर्व में कोसी भरी जाती है। इसके लिए पत्ते वाले गन्ने जरूरी होते हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से छठ मैय्या प्रसन्न होती हैं। दरअसल, गन्ना सख्त होने के कारण पशु-पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते हैं।
केला:
ऐसा माना जाता है कि केले में भगवान विष्णु का वास होता है। ऐसे में इसे बेहद पवित्र माना गया है। वहीं छठी मईया को भी केला बेहद प्रिय है। इस फल को कच्चा तोड़कर घर पर ही पकाया जाता है ताकि पशु-पक्षी केले को झूठा न कर पाएं। छठ पर्व में केले को शामिल करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नारियल:
छठ पूजा में नारियल का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि नारियल देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। ऐसे में इसे परम पवित्र फल कहा गया है। वहीं, नारियल चढ़ाकर भक्त अपनी मनोकामना मांगते हैं और छठ पर्व में पवित्रता का अत्यधिक महत्व होता है। ऐसे में नारियल पूजा में शामिल जरूर किया जाता है।
सिंघाड़ा:
सिंघाड़े के बिना भी छठ पूजा अधूरी मानी जाती है। यह फल माता लक्ष्मी को बेहद प्रिय है और आयुर्वेद में भी इसे बहुत लाभकारी माना जाता है। जल में रहने वाले इस फल का छिलका बहुत सख्त होता है। ऐसे में पशु-पक्षी इसे झूठा नहीं कर पाते हैं। पवित्रता के कारण छठ मईया को सिंघाड़ा भी प्रिय है।
सुपारी:
हिंदू धर्म में शुभ कार्यों में सुपारी प्रयोग करने का खास महत्व होता है। पान और सुपारी के साथ ही पूजा का संकल्प लिया जाता है। सुपारी बहुत सख्त होती है जिसे देवी लक्ष्मी का प्रभाव माना जाता है। ऐसे में छठ पर्व में सुपारी भी महत्वपूर्ण होती है।
Author: Deepak Mittal









