उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा पूरी हो चुकी है। इस साल की यात्रा ने श्रद्धालुओं की संख्या का एक नया रिकॉर्ड बनाया है। प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद 50 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए उत्तराखंड पहुँचे। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए विशेष इंतजामों का असर भी यात्रा की सफलता में दिखा।
जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार,22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए गए। इसके बाद गुरुवार, 23 अक्टूबर को यमुनोत्री धाम और केदारनाथ धाम के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे, जिसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा विधिवत समाप्त हो जाएगी। बद्रीनाथ धाम के कपाट पहले ही बंद हो चुके हैं।
किस धाम में कितने भक्त पहुँचे?
2 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा को लेकर इस बार श्रद्धालु काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई थी। जानकारी के लिए बता दें कि केदारनाथ धाम में 20 लाख से ज़्यादा, बद्रीनाथ धाम में 15 लाख से अधिक औरगंगोत्री और यमुनोत्री धाम में 10 से 12 लाख भक्तों ने दर्शन किए।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रा की सफलता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 2025 की चारधाम यात्रा ने विश्व स्तर पर उत्तराखंड की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक छवि को मज़बूत किया है। उन्होंने अगले साल और बेहतर सुविधाओं का वादा किया।
शीतकाल में कहाँ होंगे दर्शन?
धामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में देवी-देवताओं की पूजा उनके शीतकालीन गद्दीस्थलों पर होती है:
- मां गंगा (गंगोत्री): शीतकालीन पूजा मुखवा में होगी।
- मां यमुना (यमुनोत्री): शीतकालीन पूजा खरसाली में की जाएगी।
- केदारनाथ धाम: शीतकालीन पूजा ऊखीमठ में होगी।
प्रशासन ने इन शीतकालीन दर्शन स्थलों पर भी सुरक्षा, आवास और परिवहन की पुख्ता व्यवस्था की है।

Author: Deepak Mittal
