‘सुशासन संवाद’ में गूंजा डिजिटल बदलाव का मंत्र — CM विष्णुदेव साय बोले, “नवाचार जनता के जीवन को सरल बनाने का माध्यम बने”
मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता, जवाबदेही और ई-गवर्नेंस पर दिया जोर — कहा, “सुशासन कोई एक दिन का लक्ष्य नहीं, बल्कि निरंतर सुधार की प्रक्रिया है”
रायपुर, 13 अक्टूबर 2025। मंत्रालय महानदी भवन के पंचम तल स्थित ऑडिटोरियम में सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ‘सुशासन संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ सहित राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
🔹 नवाचार जनसेवा के केंद्र में हो — मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवाचार तभी सार्थक है जब वह नागरिकों की सुविधा बढ़ाए और शासन की योजनाओं को परिणाममुखी बनाए। उन्होंने चेताया कि “नवाचार तुगलकी प्रयोग नहीं, बल्कि नागरिक जीवन को सरल बनाने का माध्यम होना चाहिए।”
उन्होंने कलेक्टरों से कहा कि हर नवाचार में नागरिकों की राय ली जाए और उसके प्रभाव का मूल्यांकन किया जाए ताकि ये पहल स्थायी और व्यावहारिक बन सके।
🔹 लोक सेवा गारंटी अधिनियम पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम सरकार की सबसे बड़ी जवाबदेही का प्रतीक है। सभी विभाग सुनिश्चित करें कि सेवाएं समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से मिलें। उन्होंने निर्देश दिया कि विलंब की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
🔹 ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता पर बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सुशासन का सबसे प्रभावी माध्यम ई-ऑफिस प्रणाली है।” उन्होंने सभी विभागों को इसे निर्धारित समय में पूरी तरह लागू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने जोर दिया कि मैनुअल प्रक्रिया से डिजिटल गवर्नेंस की ओर बढ़ना ही पारदर्शिता की असली दिशा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के जरिए अधिकाधिक सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएं और नागरिकों में डिजिटल सेवाओं को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए।
🔹 कार्यालयीन अनुशासन और स्वच्छता अभियान
मुख्यमंत्री ने ‘पुराने दस्तावेज हटाओ’ अभियान की सराहना की और निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर अपने कार्यालयों को व्यवस्थित करें। उन्होंने कहा कि स्वच्छ और सुसंगठित कार्यालय नागरिकों में सरकार की सकारात्मक छवि बनाते हैं।
🔹 शिकायत निवारण में पारदर्शिता
उन्होंने कहा कि जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान प्रशासन की जिम्मेदारी है। सभी कलेक्टर डिजिटल माध्यम से शिकायतों की स्थिति सार्वजनिक करें ताकि नागरिकों का भरोसा बढ़े और भ्रष्टाचार की गुंजाइश खत्म हो।
🔹 फील्ड विजिट और निरीक्षण प्रणाली पर जोर
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रशासनिक सुधार के लिए नियमित फील्ड विजिट जरूरी हैं। उन्होंने कहा —
“जैसे पानी की गहराई का अंदाजा पानी में उतरे बिना नहीं होता, वैसे ही योजनाओं की सच्चाई फील्ड में जाकर ही पता चलती है।”
मुख्य सचिव विकास शील ने कहा कि अब ब्यूरोक्रेसी को ट्रांसफॉर्म करने का समय है। “उच्चाधिकारी यदि खुद उदाहरण पेश करेंगे, तभी नीचे तक अनुशासन की संस्कृति बनेगी।”
🔹 जिलों के नवाचारों की प्रस्तुति और कॉफी टेबल बुक का विमोचन
कार्यक्रम में रायपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और जशपुर जिलों के नवाचारों की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री ने ‘कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया जिसमें राज्यभर के प्रशासनिक नवाचारों का संकलन है।
उन्होंने जशपुर के ‘महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’, नारायणपुर के ‘डेटा प्लेटफॉर्म’, और दंतेवाड़ा के ब्लॉकचेन आधारित भूमि अभिलेख डिजिटाइजेशन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि “यही आधुनिक छत्तीसगढ़ की पहचान है।”
रायपुर जिले की ‘टीम प्रहरी’ पहल को भी सराहा गया, जिसके माध्यम से यातायात सुधार, अवैध अतिक्रमण हटाने और नागरिक शिकायतों के त्वरित निपटान में सफलता मिली है।

Author: Deepak Mittal
