गुजरात के नर्मदा जिले में 5 सॉफ्टवेयर इंजीनियर ट्रैकिंग करने के लिए गए थे. लेकिन गूगल मैप ने धोखा दे दिया. जिससे सभी रास्ता भटक और जंगल में गुम हो गए. पांचों ने जंगल से बाहर आने के लिए बहुत कोशिश की लेकिन उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला.
जिसके बाद एक युवक ने अपनी मां को कॉल कर पूरी बात बताई. फिर उसकी मां ने राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी को टैग करके ट्वीट किया. जिसके बाद पुलिस पहुंची और सभी को बाहर सुरक्षित निकाला.
गूगल मैप्स की वजह से जंगल में फंसे
जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश के मूल निवासी और तेलंगाना हैदराबाद के पांच युवक स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के एरिया में नर्मदा ज़िले के जरवानी के पास वन क्षेत्र में ट्रैकिंग के लिए आए थे. गूगल मैप्स के ज़रिए उन्होंने तुंगई हिल का लोकेशन ट्रैक किया था. लेकिन गूगल मैप ने जो दिखाया था, वह नहीं था. वो जगह असल में कहीं और थी. पांचों ने सुबह के समय जरवानी गांव के भांगड़ा फलिया के पास बाइक छोड़कर गूगल मैप्स के ज़रिए चढ़ाई शुरू की थी. वहीं लगभग 2:30 बजे उन्हें आभास हुआ कि वो रास्ता भटक गए हैं. जिस जगह को उन्होंने सर्च किया था, वो कहीं और है.
जंगल में भटकने वाले पांचों युवकों की पहचान हितेश सुरेश पेनमुसु, हिमतेज वारा प्रसाद वल स्वामी, विकियात नागेश्वर राव चिलियाला, लिखित चेतन्य मेका, सुशील रमेश भंडारू के रूप में हुई है. रास्ता भटकने के बाद लिखित नाम के युवक ने अपनी मां से इस बारे में कॉल पर बात की. जिसके बाद उसकी मां, जो टीडीपी तेलंगाना की पूर्व राज्य संगठन सचिव हैं, उनका नाम सुभाषिनी है, ने ट्वीट किया.
स्थानीय पुलिस ने किया रेस्क्यू
ट्वीट में उन्होंने लिखा कि गुजरात के जंगल में मेरे बेटे सहित उनके पांच दोस्त ट्रैकिंग के दौरान रास्ते से भटक गए हैं. सभी जंगल से बाहर आने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रास्ता नहीं मिल पा रहा है. इस ट्वीट के बाद गुजरात सरकार के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने मदद का आश्वासन दिया और स्थानीय लोगों को तुरंत सूचित किया गया. साथ ही इसकी सूचना नर्मदा पुलिस को भी दी गई.
जिसके बाद नर्मदा पुलिस ने पांचों युवकों का पता लगा लिया. युवकों ने बताया कि वे इस वक्त वडोदरा में रह रहे हैं, कुछ समय पहले ही उनकी नौकरी लगी है. वे जंगल में ट्रैकिंग के लिए गए थे. तभी रास्ता भूल गए और जंगल में फंस गए.

Author: Deepak Mittal
