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यूरिन करने के बाद पेशाब की निकलती रहती हैं बूंदें? पुरुषों के लिए इसे हल्के में लेना पड़ सकता है भारी

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Deepak Mittal

जकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिसका सबसे मुख्य कारण खराब खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ-साथ की शरीर कमजोर होने लगता है और कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है, लेकिन आजकल के समय में कम उम्र में ही लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

इसके अलावा यूरिन में भी बदलाव होने लगता है। किसी को बार-बार पेशाब लगता है, किसी को बहुत तेजी से पेशाब आता है या फिर किसी का मूत्र निकलना कम हो जाता है। आमतौर पर इन समस्याओं को उम्र बढ़ने का नेचुरल असर माना जाता है और इन संकेतों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

जयपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के एचओडी, यूरोलॉजी, डॉ. डी. आर. धवन के मुताबिक, पुरुष अक्सर अपनी सेहत से जुड़ी छोटी-छोटी परेशानियों को नजरअंदाज कर देते हैं। कई पुरुषों को यूरिन करने के बाद कुछ बूंदें निकलने की समस्या होती है, जिसे वे सामान्य मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह आदत या लापरवाही आगे चलकर गंभीर परेशानी का कारण बन सकती है। इसके अलावा यूरिन में होने वाले ये बदलाव बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (बीपीएच) के कारण हो सकते हैं। इस डिजीज में प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाती है और पेशाब की नली में समस्याएं पैदा होने लगती है।

यूरिन करने के बाद अगर कुछ बूंदें और निकलती हैं या टपकती रहती हैं, तो इसे मेडिकल भाषा में पोस्ट-वॉइड ड्रिब्लिंग कहा जाता है। उम्र बढ़ने के साथ इसकी संभावना और बढ़ जाती है। हालांकि, यह लगातार बने रहने पर प्रोस्टेट या मूत्रमार्ग से जुड़ी कोई समस्या हो सकती है।

लोंगिट्यूडनल एजिंग स्टडी इन इंडिया की स्टडी के मुताबिक, 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 1.49 प्रतिशत पुरुषों को बीपीएच की समस्या है। इस अध्ययन में यह भी सामने आया है कि बीपीएच और डिप्रेशन के लक्षणों में गहरा संबंध होता है। इसलिए स्वास्थ्य पर इसका असर यूरिन प्रोब्लम्स से कहीं ज्यादा है।

शरीर में पेल्विक फ्लोर मसल्स मूत्राशय यानी ब्लैडर और मूत्रमार्ग को कंट्रोल करते हैं। अगर ये मसल्स कमजोर पड़ जाएं, तो यूरिन के बाद कुछ बूंदें अपने आप निकल सकती हैं। यह आमतौर पर उन पुरुषों में देखा जाता है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं या व्यायाम नहीं करते।

अगर बार-बार पेशाब आने, पेशाब करते समय दर्द, जलन, मूत्र में दुर्गंध या कमजोरी जैसी अन्य समस्याएं भी हैं, तो यह किसी यूटीआई, प्रोस्टेटाइटिस या ब्लैडर डिसफंक्शन का संकेत हो सकता है। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय रहते जांच न करवाने पर समस्या गंभीर रूप ले सकती है और किडनी तक असर डाल सकती है।

पेशाब करने के बाद बूंदें टपकना आदि की समस्या से राहत पाने के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज बहुत असरदार हो सकती है। यह एक्सरसाइज पेशाब को बीच में रोकने जैसी हरकत को कंट्रोल करने वाली मांसपेशियों को मजबूत करती है।

यूरिन यानी पेशाब करते समय जल्दबाजी न करें। पेशाब खत्म होने के बाद कुछ सेकंड रुके रहें और हल्के से नीचे झुकें, ताकि मूत्राशय पूरी तरह खाली हो जाए।

कम पानी पीने से मूत्र अधिक गाढ़ा हो जाता है, जिससे संक्रमण और जलन की संभावना बढ़ जाती है। दिनभर में कम से कम 2.5-3 लीटर पानी जरूर पिएं।

वहीं, फिटनेस ट्रेनर नवनीत रामप्रसाद के अनुसार, सिर्फ लंबी वॉक करना 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मजबूत बनाने के बजाय और भी कमजोर कर सकता है।

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Author: Deepak Mittal

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