बाबा वेंगा अपनीभविष्यवाणियों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। उनकी कई बातें सच होने के दावों के कारण लोगों का विश्वास उन पर गहरा हो गया है। बाबा वेंगा की एक भविष्यवाणी के अनुसार साल 2088 में धरती पर एक ऐसा अज्ञात वायरस फैलेगा जो इंसानों को तेज़ी से बूढ़ा कर देगा।
इस वायरस का असर इतना खतरनाक होगा कि लोग जवानी में ही बुढ़ापे की तरफ बढ़ने लगेंगे और उनकी जीवन अवधि बहुत कम हो जाएगी। ऐसे समय में जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, प्रयोगशालाओं में बन रहे वायरस और बायोलॉजिकल वॉर के खतरों से जूझ रही है, बाबा वेंगा की यह भविष्यवाणी और भी ज़्यादा डरावनी लगती है।
कौन थीं बाबा वेंगा?
बाबा वेंगा का जन्म 1911 में नॉर्थ मैसेडोनिया में हुआ था। उनका असली नाम वांगेलिया पांडेवा दिमित्रोवा था। एक दुर्घटना के चलते 12 साल की उम्र में उनकी आँखों की रोशनी चली गई थी। 30 साल की उम्र से पहले ही वे अपनी भविष्यवाणियों और इलाज करने की शक्तियों के लिए प्रसिद्ध हो गईं। उनकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ी कि बुल्गारिया के राजा बोरिस तृतीय और सोवियत नेता लियोनिद ब्रेजनेव जैसे बड़े नेता भी उनसे सलाह लेने आते थे। उनका निधन 1996 में हो गया, लेकिन उनकी कही बातें आज भी सुर्खियों में रहती हैं।
सच हुई भविष्यवाणियों के दावे
कई लोग दावा करते हैं कि बाबा वेंगा की कई भविष्यवाणियाँ सच साबित हुई हैं। इनमें कुछ प्रमुख हैं:
- अमेरिका में 2001 में हुए आतंकवादी हमले की भविष्यवाणी।
- साल 2022 में इंग्लैंड में आई भीषण बाढ़ की आशंका, जो सही निकली।
- 1990 के दशक में सोवियत संघ का टूटना भी उनकी कही बातों से मेल खाता है।
यही कारण है कि उनकी हर भविष्यवाणी पर लोग गहरी नज़र रखते हैं।
विज्ञान के नजरिए से इंसानों का भविष्य
भविष्यवाणियाँ चाहे कितनी भी रहस्यमयी हों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इंसानों का भविष्य विज्ञान और तकनीक पर निर्भर करेगा। एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बायोटेक्नोलॉजी इंसानों की उम्र बढ़ा सकती है और जीवन की गुणवत्ता सुधार सकती है, वहीं दूसरी तरफ वायरस, जलवायु परिवर्तन और युद्ध जैसी चुनौतियाँ इंसान के अस्तित्व के लिए खतरा बन सकती हैं। हो सकता है बाबा वेंगा की यह खास भविष्यवाणी सच न हो, लेकिन यह तय है कि इंसानों को स्वास्थ्य, विज्ञान और पर्यावरण के प्रति सतर्क और ज़िम्मेदार रहना ही होगा।

Author: Deepak Mittal
