बालोद। आम जनता को लुभावनी स्कीम और ऊंचे ब्याज का लालच देकर करोड़ों रुपये हड़पने वाली दिव्यानी प्रॉपर्टी लिमिटेड चिटफंड कंपनी का एक फरार डायरेक्टर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी राजेश कुमार यादव (37 वर्ष, निवासी ग्राम साला सिमार, थाना अजीतमल, जिला औरैया, उत्तर प्रदेश) वर्ष 2015 से फरार था और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
मामला कैसे सामने आया
थाना बालोद में प्रार्थियों ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कंपनी संचालकों ने एजेंटों के जरिए अधिक ब्याज और स्कीमों के नाम पर जनता से करोड़ों रुपये जमा कराए।
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परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी राशि वापस नहीं की गई।
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अचानक कंपनी बंद कर आरोपी फरार हो गए।
इसी आधार पर थाना बालोद में अपराध क्रमांक 140/2015 और 319/2016 दर्ज किया गया। आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 406, 34 भादवि सहित चिटफंड एवं धन परिचालन प्रतिबंध अधिनियम 1978 और निवेशकों के संरक्षण अधिनियम 2005 की धाराएं लगाई गईं।
पुलिस की कार्रवाई
अब तक कंपनी के 9 डायरेक्टर गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। शेष फरार आरोपियों की तलाश के लिए आईजी दुर्ग रेंज के निर्देशन और एसपी बालोद के मार्गदर्शन में विशेष टीम गठित की गई।
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टीम ने पहले भिंड, मुरैना और ग्वालियर (म.प्र.) में दबिश दी, लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगा।
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बाद में साइबर तकनीक से उसकी लोकेशन उत्तर प्रदेश में मिली।
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पुलिस टीम ने घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी का खुलासा
पूछताछ में राजेश यादव ने कबूल किया कि वर्ष 2013 में ग्वालियर में उसकी मुलाकात कंपनी के डायरेक्टर विपिन सिंह से हुई थी। कुछ समय तक काम करने के बाद 2015 में वह भी डायरेक्टर बना। कंपनी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आसान किस्तों पर पैसा जमा कराती थी और समय सीमा पूरी होने पर लाभांश सहित लौटाने का वादा करती थी, लेकिन रकम वापस नहीं की गई।
वर्तमान स्थिति
आरोपी को दोनों प्रकरणों में गिरफ्तार कर 29 सितंबर 2025 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि फरारी के दौरान उसने किन-किन जगहों पर शरण ली और ठगी की रकम कहां छिपाई गई है।

Author: Deepak Mittal
