रायपुर। छत्तीसगढ़ में 570 करोड़ रुपये के कोल लेवी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है। इस पत्र में 10 वरिष्ठ IAS-IPS अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत कार्रवाई की सिफारिश की गई है। पत्र मुख्य सचिव और ईओडब्ल्यू को भेजा गया है।
जांच में सामने आया है कि 15 जुलाई 2020 को तत्कालीन खनिज निदेशक और निलंबित IAS समीर विश्नोई ने एक आदेश जारी किया, जिसके तहत ऑनलाइन कोल परमिट को ऑफलाइन मोड में बदल दिया गया। इसके बाद अवैध लेवी वसूली का खेल शुरू हुआ।
घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी माने जा रहे हैं। उनके साथ निलंबित IAS समीर विश्नोई, रानू साहू, और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा के नाम भी सामने आए हैं।
ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज FIR के बाद जनवरी 2024 में इन सभी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि वर्तमान में कुछ आरोपी जमानत पर हैं और प्रदेश से बाहर रह रहे हैं।
ED की रिपोर्ट में कहा गया है कि परमिट का दुरुपयोग कर साजिश के तहत कारोबारियों से करोड़ों की अवैध वसूली की गई। फिलहाल वरिष्ठ IAS-IPS अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ED के पत्र ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है।

Author: Deepak Mittal
