दुकान-रास्ते सब बंद, इंटरनेट भी ठप; पाकिस्तान सरकार के खिलाफ क्यों फूटा PoK के लोगों का गुस्सा?

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नई दिल्ली। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने सोमवार को PoK के कई इलाकों में हल्ला बोल दिया। कई जगहों पर बंद का आयोजन किया गया और चक्का जाम कर दिया गया।

PoK में विरोध प्रदर्शन की वजह पाकिस्तान से नाराजगी बताई जा रही है। हालातों पर काबू पाने के लिए इस्लामाबाद ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबल PoK में तैनात कर दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी ठप कर दी गई है।

38 पॉइंट की मांग

AAC एक सिविल सोसाइटी है, जो पिछले काफी समय से PoK में सुधार की मांग कर रही है। PoK दशकों से राजनीतिक भेदभाव और आर्थिक उपेक्षा का शिकार हो रहा है। AAC ने अब इसके खिलाफ आवाज बुलंद की है। AAC ने पाकिस्तान सरकार के सामने 38 पॉइंट की मांग रखी है।

क्या है लोगों की मांग?

PoK की विधानसभा में 12 सीटें पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित हैं। AAC ने इस प्रावधान को भी खत्म करने की मांग की है। इसके अलावा सब्सीडी, मंगला हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली के काम दाम और इस्लामाबाद के पुराने वादों को पूरा करने की मांग उठ रही है।

AAC के नेता शौकत नवाज मीर के अनुसार,

हमारा अभियान किसी संस्था के खिलाफ नहीं है। मगर, पिछले 70 सालों से PoK के लोगों को मौलिक अधिकार नहीं मिले हैं। बस अब बहुत हो गया। या तो हमें हमारे अधिकार दो और या फिर लोगों के गुस्से का सामना करें।

पाक सरकार ने भेजी फौज

PoK में चल रहे विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार ताकत का इस्तेमाल कर रही है। हजारों की संख्या में लोग PoK की सड़कों पर मार्च निकाल रहे हैं, जिन्हें रोकने के लिए पंजाब से पुलिस भेजी गई है। शनिवार और रविवार को पुलिस ने PoK में घुसने और बाहर निकलने की कई जगहें सील कर दीं।

13 घंटे की बातचीत फेल

पाकिस्तान सरकार ने 1000 के लगभग सुरक्षाबलों की टीम इस्लामाबाद से PoK के लिए रवाना की है। वहीं, दूसरी तरफ AAC से भी बातचीत चल रही थी। 13 घंटे की बैठक के बाद यह बातचीत विफल हो गई। पाकिस्तान ने कश्मीरी शरणार्थियों की आरक्षित सीटें खत्म करने से साफ मना कर दिया।

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Author: Deepak Mittal

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