रायपुर, 27 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर बिलासपुर स्थित हाईकोर्ट में रजत जयंती समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें राज्यपाल रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। मंच पर न्यायाधीशों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, विधि मंत्री गजेन्द्र यादव और अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।
समारोह में विशेष रूप से रजत जयंती स्मारिका का विमोचन किया गया।
न्यायपालिका का गौरव : राज्यपाल रमेन डेका
राज्यपाल ने कहा कि 1 नवम्बर 2000 को राज्य गठन के साथ ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना हुई और तब से यह संस्था संविधान का व्याख्याकार, नागरिक अधिकारों का संरक्षक और न्याय का प्रहरी बनकर खड़ी है।
उन्होंने लोक अदालत के अंतर्गत मामलों के त्वरित निपटारे की सराहना की और कहा कि न्याय गरीब और वंचित वर्ग तक पहुंचे, यही लोकतंत्र की असली सफलता है।
ज्य सरकार की प्रतिबद्धता : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर और संसाधनों की उपलब्धता के साथ त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में विधि एवं विधायी विभाग का बजट लगातार बढ़ाया गया है।
साय ने हाईकोर्ट के 25 वर्षों की यात्रा को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा कि यहां से कई जज सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचे हैं और न्यायिक प्रक्रिया में डिजिटल नवाचारों ने पारदर्शिता को मजबूत किया है।
“आमजनों का विश्वास ही न्यायपालिका का उद्देश्य” : न्यायाधीश माहेश्वरी
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी ने कहा कि न्यायपालिका का सर्वोत्तम उद्देश्य आमजनों का विश्वास अर्जित करना है। उन्होंने भविष्य की न्यायिक दिशा को तय करने के लिए सभी को एक साझा विजन बनाने की अपील की।
न्याय परंपरा का सम्मान : तोखन साहू
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि यह केवल 25 वर्षों का उत्सव नहीं है बल्कि उस न्यायिक परंपरा का सम्मान है जिसने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
गौरवशाली पल : मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने स्वागत भाषण में न्यायालय की स्थापना से लेकर अब तक की उपलब्धियों को रेखांकित किया। समारोह का समापन न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
यह ऐतिहासिक अवसर छत्तीसगढ़ के लिए एक गौरव का क्षण है, जहां न्यायालय की 25 वर्षों की यात्रा को न केवल याद किया गया, बल्कि आने वाले वर्षों की दिशा तय करने का संकल्प भी लिया गया।

Author: Deepak Mittal
