छत्तीसगढ़ की खस्ताहाल सड़कों पर हाईकोर्ट की फटकार! अधिकारियों को चेतावनी, एनएच-90 की बदहाली पर सख्त टिप्पणी

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की खस्ताहाल सड़कों को लेकर हाईकोर्ट ने शासन और संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे एनएच-90 की बदहाली पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सड़क निर्माण में टेक्निकल जांच, टेंडर और वर्क ऑर्डर में अनावश्यक समय बरबाद करना स्वीकार्य नहीं है।

हाईकोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे कब तक सुधारा जाएगा और सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ठोस कदम न उठाना और एनएचएआई का मौन रहना चिंताजनक है। बार-बार दिए गए शपथ पत्रों से उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं।

सुनवाई में शासन ने कोर्ट को बताया कि रतनपुर-सेंदरी रोड का काम लगभग पूरा हो गया है, वहीं रायपुर रोड की सड़क का 70 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है और इसे अगले 15 दिनों में पूरा किया जाएगा। एनएचएआई की ओर से भी सड़कों के जल्द पूरा होने का आश्वासन दिया गया।

कोर्ट ने बिलासपुर-रायपुर मुख्य सड़क पर फैली पावर प्लांटों की राख और पेंड्रीडीह से नेहरू चौक तक की सड़क की अधूरी स्थिति पर भी मुख्य सचिव से जवाब मांगा। हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी से भी रतनपुर-केन्दा मार्ग और अन्य सड़कों की स्थिति पर शपथ पत्र पेश करने को कहा।

सुनवाई के दौरान नेशनल हाईवे की ओर से बताया गया कि तुर्काडीह, सेंदरी, रानीगांव, मलनाडीह और बेलतरा में पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए फुट ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। पहले अनुमानित लागत 17.95 करोड़ थी, जो घटकर 11.38 करोड़ हो गई है। निर्माण स्थल की संयुक्त जांच हो चुकी है और टेंडर मंजूर होते ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि स्वीकृत निर्माण कार्यों में विलंब अब और सहन नहीं किया जाएगा, और अधिकारियों को फटकारते हुए सड़कों की हालत सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का आदेश दिया।

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Author: Deepak Mittal

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