100 किलोमीटर की जंग जीतकर डॉक्टर आलोक दीक्षित बने अल्ट्रा हीरो
(छत्तीसगढ़ के बेटे ने जंगलों की पगडंडियों पर रचा इतिहास)
रायपुर/दुर्ग,,बेंगलुरु के पास मरसांद्रा के जंगलों में 13 सितम्बर को आयोजित हुई भसीन स्पोर्ट्स की भव्य अल्ट्रा मैराथन में छत्तीसगढ़ के विख्यात चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक दीक्षित ने 100 किलोमीटर की कठिन दौड़ को शानदार अंदाज़ में पूरा कर इतिहास रच दिया।
विशेष बात यह रही कि उन्होंने यह दौड़ निर्धारित कट-ऑफ समय से पूरे 9 घंटे पहले समाप्त की, जो उनकी फिटनेस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
यह मैराथन किसी साधारण सड़क पर नहीं, बल्कि जंगलों की कठिन पगडंडियों, झाड़ियों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होकर गुज़री। लगभग 200 प्रतिभागियों ने विभिन्न दूरी की कैटेगरी में हिस्सा लिया, लेकिन डॉ. आलोक ने सबसे कठिन 100 किलोमीटर का चयन कर अपनी असाधारण धैर्यशक्ति और मानसिक मजबूती का परिचय दिया।
डॉ. आलोक दीक्षित की यात्रा
42.2 किलोमीटर की 10 से अधिक मैराथन पूरी कर चुके हैं।
45, 50, 63 और 80 किलोमीटर की कई अल्ट्रा मैराथन में सफलता हासिल की है।
“ची रनिंग” के सर्टिफाइड ट्रेनर हैं, जो वैज्ञानिक तकनीक से सुरक्षित और संतुलित दौड़ने की विधा को प्रोत्साहित करते हैं।
9 घंटे पहले लक्ष्य प्राप्ति – 100 किलोमीटर की अल्ट्रा मैराथन पूरी कर दिखाया असाधारण जज़्बा।
जंगलों से जंग – घने पेड़ों, झाड़ियों और ऊबड़-खाबड़ पगडंडियों को पार कर बनाई मिसाल।
अनुभवी धावक – 42.2 किमी की 10+ मैराथन और 80 किमी तक की कई अल्ट्रा मैराथन पहले ही पूरी कर चुके।
ची रनिंग ट्रेनर – वैज्ञानिक और संतुलित दौड़ तकनीक के सर्टिफाइड विशेषज्ञ।
छत्तीसगढ़ का गौरव – बालोद, दुर्ग और रायपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में गर्व और उत्साह का माहौल।
प्रेरणा का संदेश – “अगर संकल्प दृढ़ हो, तो कोई भी दूरी असंभव नहीं।”
प्रदेश का गौरव
बालोद, दुर्ग और रायपुर सहित पूरे प्रदेश में उनके इस अद्भुत प्रदर्शन से गर्व और उत्साह का माहौल है। उनके शुभचिंतक, समर्थक और मरीज लगातार उन्हें शुभकामनाएँ दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी बधाइयों का तांता लग गया है।
यह उपलब्धि सिर्फ दौड़ की नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और जीवनशैली की जीत है।”
“डॉ. आलोक ने साबित किया कि कठिनाई चाहे कितनी भी हो, हार मानना विकल्प नहीं।”
शुभचिंतक लोग क्या कहते हैं,,
दीपक मित्तल शुभचिंतक – “डॉ. आलोक ने हमारे प्रदेश को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।”
प्रकाश झा युवा धावक – “उनकी सफलता हमें प्रेरित करती है कि सीमाएँ सिर्फ मन में होती हैं।”
सीमा जैन मरीज – “हमारे डॉक्टर साहब ने दिखा दिया कि स्वस्थ जीवनशैली ही असली दवा है।”
डॉ. आलोक दीक्षित की यह सफलता केवल खेल उपलब्धि नहीं, बल्कि संकल्प, अनुशासन और सकारात्मक जीवनशैली का प्रतीक है। उन्होंने यह साबित किया है कि अगर लक्ष्य बड़ा हो और मेहनत निरंतर हो, तो दुनिया की कोई भी दूरी असंभव नहीं।

Author: Deepak Mittal
