धरमजयगढ़ में शिक्षक नहीं, गैरजिम्मेदार स्टाफ, बीईओ के अचानक निरीक्षण ने खोली शिक्षा व्यवस्था की पोल…

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

शैलेश शर्मा 9406308437नवभारत टाइम्स 24×7.in जिला ब्यूरो रायगढ़

रायगढ़ : धर्मजयगढ़ तहसील के सरकारी स्कूलों में शिक्षा कम और लापरवाही ज़्यादा परोसी जा रही है। शिक्षक अब “जनसेवक” नहीं, बल्कि “दफ्तर के घोस्ट कर्मचारी” बनते जा रहे हैं – जो स्कूलों में नाम मात्र की हाजिरी देकर, ज़िम्मेदारियों से ऐसे गायब हो जाते हैं जैसे जिम्मेदारी कोई मज़ाक हो।

बुधवार (06 अगस्त 25) को ज़ब विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) एस. आर. सिदार के आकस्मिक निरीक्षण दौरे ने पूरे शिक्षा तंत्र की हकीकत उजागर कर दी। कई स्कूलों में शिक्षक गायब, कहीं दस्तखत कर भागे, तो कहीं बच्चों को बिना पढ़ाए छोड़ा गया।

*खड़गांव : स्कूल चलें हम… लेकिन शिक्षक ग़ायब :* सुबह 10 बजे BEO जब खड़गांव पहुंचे तो बच्चों की प्रार्थना सभा चल रही थी। लेकिन दो शिक्षक और एक भृत्य नदारद! यही है हमारे शिक्षा तंत्र की “उपस्थिति संस्कृति” – जहाँ बच्चों से punctuality की उम्मीद है लेकिन शिक्षक खुद ही गैरहाजिर हैं।

*तीनों पर शोकॉज नोटिस जारी – लेकिन सवाल ये है कि क्या नोटिस से सुधरेंगे? या कोई सख़्त उदाहरण बनेगा?…*

*सिथरा : गैरहाजिरी का सिलसिला जारी, BEO का सब्र टूटा :*

* प्राथमिक स्कूल सिथरा में दो शिक्षक फिर से गायब मिले।

* हाई स्कूल सिथरा में मासिक परीक्षा चल रही थी, लेकिन निगरानी के नाम पर खानापूर्ति।

* क्या ऐसे पढ़ाई होगी? क्या ऐसे परीक्षा की विश्वसनीयता बची रह सकती है?

*नावापारा : दस्तखत कर फरार शिक्षक – यह क्या सरकारी नौकरी है या मज़ाक? – *

* यह घटना शिक्षा तंत्र की सबसे शर्मनाक बानगी है।

* एक शिक्षक सिर्फ हाजिरी रजिस्टर में दस्तखत कर स्कूल से भाग गया। बच्चों की पढ़ाई हवा में उड़ गई।

यह सीधा कर्तव्यच्युत आचरण है, फिर भी कार्रवाई सिर्फ शोकॉज नोटिस?
क्या विभाग सिर्फ “कागजी घाव” देगा या कोई उदाहरण भी पेश करेगा?

*बाकी स्कूलों का हाल भी बेहाल :*

* मा.शा. नावापारा

* कोदवारीपारा (बोजिया)

* बोजिया प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल

* हाई स्कूल कटाईपाली “C”

* स्वामी आत्मानंद उ.हि.मा.वि. हाटी

इन सभी स्कूलों में भी BEO ने निरीक्षण किया। उपस्थिति से लेकर शिक्षण की गुणवत्ता तक – हर जगह खामियां साफ दिखीं। कोई भी स्कूल 100% जिम्मेदारी के पैमाने पर खरा नहीं उतरा।

*प्रश्न सिर्फ शिक्षकों से नहीं, अब सवाल शिक्षा विभाग से है :* धरमजयगढ़ जैसे आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा ही बदलाव की सबसे मजबूत कुंजी है। लेकिन जब शिक्षक ही गायब हों, और शिक्षा विभाग सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति करता रहे, तो यह सड़ांध ऊपर तक फैली व्यवस्था की ओर इशारा करती है।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment