यह केवल एक राखी नहीं, बल्कि समाज और पुलिस के बीच जुड़ाव और विश्वास का प्रतीक है – पुलिस अधीक्षक
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली–रक्षा बंधन के पावन पर्व को समर्पित करते हुए सोनकर कॉलेज मुंगेली में एक विशेष “राखी बनाओ प्रतियोगिता” का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में बी.एड. (B.Ed.) और डी.एल.एड. (D.El.Ed.) के छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह और रचनात्मकता के साथ भाग लिया। विद्यार्थियों ने विविध रंगों, डिज़ाइनों और पारंपरिक-सांस्कृतिक शिल्प को आत्मसात करते हुए सुंदर, आकर्षक और भावनात्मक राखियों का निर्माण किया, जो हर किसी का मन मोह लेने वाली थीं।
इस प्रतियोगिता की विशेष बात यह रही कि इन स्वनिर्मित राखियों को केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि उन्हें पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल सहित जिले की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहने वाले पुलिस अधिकारियों और जवानों को समर्पित किया गया। विद्यार्थियों ने अपनी राखियों को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर मुंगेली जिले के पुलिस अधीक्षक को भेंट किया और उन्हें अपने हाथों से राखी बांधी।

इसके साथ ही, जिले के सभी पुलिसकर्मियों के लिए विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई राखियों का एक संग्रह भेंट स्वरूप दिया गया, ताकि यह संदेश जाए कि समाज की सुरक्षा में डटे भाइयों के लिए भी बहनों का स्नेह और आशीर्वाद हमेशा बना हुआ है। इस भावुक क्षण में उपस्थित पुलिस अधीक्षक ने विद्यार्थियों की इस पहल की सराहना की और कहा कि यह केवल एक राखी नहीं, बल्कि समाज और पुलिस के बीच जुड़ाव और विश्वास का प्रतीक है।
उन्होंने विद्यार्थियों को उनके इस संवेदनशील और राष्ट्रसेवा से प्रेरित कार्य के लिए धन्यवाद देते हुए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम के आयोजन में कॉलेज की शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष सत्यवती शुक्ला की विशेष भूमिका रही। साथ ही कार्यक्रम में विजय ओगरे और हर्षा सोनी सहित सभी शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की सक्रिय सहभागिता रही।

इस अवसर पर पुलिस परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा, जहाँ विद्यार्थी रचनात्मकता, राष्ट्रीय भावना और सामाजिक उत्तरदायित्व के समन्वय से भरे कार्य में भाग लेकर गर्वित अनुभव कर रहे थे। सोनकर कॉलेज की इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व और मानवीय संवेदनाओं के साथ जुड़ी होती है। इस तरह के आयोजन छात्रों के व्यक्तित्व विकास और सामाजिक चेतना को सशक्त करने की दिशा में अहम कदम होते हैं।
