प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राएं सिर्फ औपचारिक मुलाकातें नहीं होतीं बल्कि इनका उद्देश्य भारत के लिए राजनयिक संबंधों को मजबूत करना, व्यापारिक समझौते करना और वैश्विक सहयोग बढ़ाना होता है।
यही कारण है कि पीएम मोदी अक्सर अलग-अलग देशों की यात्राएं करते हैं। इन यात्राओं से भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक सशक्त और सक्रिय राष्ट्र के रूप में पहचान मिलती है। हालांकि, पीएम मोदी की विदेश यात्राएं जहां एक तरफ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करती हैं वहीं दूसरी ओर इन पर होने वाले खर्चों को लेकर विपक्ष कई बार सवाल उठाता रहा है। आइए जानते हैं पीएम मोदी की अब तक की विदेश यात्राओं में कितना खर्च आया है और कौन-सी यात्रा सबसे महंगी रही है।
2021 से 2024 तक कितना हुआ खर्च
विदेश मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2021 से लेकर साल 2024 तक पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर कुल 295 करोड़ रुपये खर्च किए गए। साल-दर-साल खर्च में बढ़ोतरी देखने को मिली है, जो बताता है कि कोविड के बाद अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में भारत की भागीदारी तेज हुई है।
वर्ष | कुल खर्च (करोड़ रुपये में) |
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2021 | 36 |
2022 | 55 |
2023 | 93 |
2024 | 100 |
साल 2025 में अब तक कितना खर्च हुआ
साल 2025 में अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल 14 देशों की विदेश यात्राएं की हैं, जिन पर कुल मिलाकर 66.8 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इन यात्राओं में अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब, थाईलैंड और श्रीलंका जैसे देश प्रमुख रहे हैं। खर्च के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे अधिक खर्च फ्रांस यात्रा पर हुआ, जो कि 25.5 करोड़ रुपये था। इसके बाद अमेरिका यात्रा पर 16.5 करोड़ रुपये, सऊदी अरब की यात्रा पर 15.5 करोड़ रुपये, थाईलैंड पर 4.9 करोड़ रुपये और श्रीलंका की यात्रा पर 4.4 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इन आंकड़ों से यह साफ तौर पर समझा जा सकता है कि फ्रांस और अमेरिका जैसे विकसित देशों की यात्राओं में अपेक्षाकृत अधिक खर्च आता है, जो वहां की भौगोलिक दूरी, सुरक्षा इंतजाम, उच्चस्तरीय बैठकों और राजनयिक आयोजनों की प्रकृति को देखते हुए स्वाभाविक भी है।
अब तक की सबसे महंगी विदेश यात्रा: अमेरिका टॉप पर
अगर 2021 से 2025 तक की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा अब तक की सबसे महंगी विदेश यात्रा साबित हुई है। इस अवधि में पीएम मोदी ने अमेरिका के चार दौरे किए, जिन पर कुल 74.44 करोड़ रुपये का खर्च आया। इसके अलावा, फ्रांस और जापान भी उन देशों की सूची में शामिल हैं, जहां की यात्राएं काफी महंगी रही हैं। प्रधानमंत्री ने फ्रांस की तीन यात्राएं कीं, जिन पर कुल 41.29 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि जापान की तीन यात्राओं पर 32.96 करोड़ रुपये का खर्च आया। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे विकसित और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों की यात्राएं अधिक खर्चीली होती हैं, लेकिन इन्हीं देशों के साथ भारत के मजबूत होते संबंध अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की भूमिका को और प्रभावशाली बनाते हैं।
