जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर। सीपत थाना क्षेत्र के तुंगन नाला में हरेली पर्व की शाम एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब वेगनआर कार सवार परिवार नाले के तेज बहाव में बह गया। हादसे में कार में सवार 9 में से 8 लोग किसी तरह तैरकर जान बचाने में सफल रहे, लेकिन 3 वर्षीय मासूम तेजस पानी की धार में बह गया और अब तक लापता है।
जानकारी के अनुसार, खम्हरिया निवासी मोहनलाल साहू उर्फ भोला अपने परिजनों के साथ उच्चभट्ठी स्थित शिव शक्ति पीठ मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे। कार में कुल 9 लोग सवार थे – जिनमें 4 वयस्क और 5 बच्चे शामिल थे। जब वे तुंगन नाला के पुल को पार कर रहे थे, उस समय वहां करीब 3 फीट पानी बह रहा था। जोखिम के बावजूद मोहनलाल ने पुल पार करने की कोशिश की, लेकिन तेज बहाव ने कार को करीब 60 फीट तक बहा दिया।
हादसे के बाद वहां चीख-पुकार मच गई। किसी तरह सभी वयस्क और 4 बच्चे तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन सबसे छोटा बच्चा तेजस बह गया। घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी गोपाल सतपथी के नेतृत्व में पुलिस टीम और SDRF की 12 सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची और अंधेरे में तलाशी अभियान शुरू किया।
हालांकि रातभर की तलाश के बाद भी बच्चे और कार का कुछ पता नहीं चल सका। अब पुलिस को उम्मीद है कि नाले के करीब 800 मीटर दूर स्थित झलमला सेलर एनीकट में तेजस और कार का सुराग मिल सकता है। SDRF की टीम ने सुबह से सघन सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है, परिजन बेसुध हैं और सभी की जुबां पर बस एक ही दुआ है – “तेजस सकुशल मिल जाए।”
यह हादसा ना सिर्फ एक परिवार के लिए गहरा आघात बनकर आया, बल्कि एक बार फिर प्रशासन और नागरिकों को यह सोचने पर मजबूर कर गया कि बारिश के मौसम में ऐसे पुलों और नालों को लेकर सतर्कता कितनी जरूरी है।
Author: Deepak Mittal









