लोरमी, छत्तीसगढ़:अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगलों में उस वक्त हड़कंप मच गया जब यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई। हादसा इतना भीषण था कि अगर सतर्कता और साहस न होता, तो 25 जिंदगियां काल के गाल में समा सकती थीं। लेकिन किस्मत और हिम्मत के दम पर यात्री बच निकले—कुछ खुद, कुछ एक-दूसरे का हाथ पकड़कर।
क्या है हादसे की पूरी कहानी?
घटना लमनी क्षेत्र के तिलईडबरा वनग्राम की है, जो अचानकमार टाइगर रिजर्व (ATR) के अंतर्गत आता है। रोज़ की तरह चलने वाली कैपिटल बस सर्विस में नया ड्राइवर नियुक्त था। बताया जा रहा है कि एक मोड़ पर ड्राइवर वाहन से नियंत्रण खो बैठा और बस पलट गई।
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बस में उस समय करीब 25 यात्री सवार थे।
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हादसे में 12 से अधिक लोगों को चोटें आईं, लेकिन कोई बड़ा जानलेवा नुकसान नहीं हुआ।
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यात्री कांच तोड़कर बस से बाहर निकले, कुछ घायलों को साथ लेकर।
हादसे के बाद क्या हुआ?
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मौके पर ही अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
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17 यात्री, जो बुरी तरह फंसे हुए थे, मदद की गुहार लगाते रहे।
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मेडिकल और रेस्क्यू टीम ने तत्परता से पहुंचकर उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और बिलासपुर भेजा गया।
प्रशासन की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना
घटना की सूचना मिलते ही मुंगेली और जीपीएम जिलों के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग और वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं।
घटनास्थल पर मौजूद रहे:
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डीपीएम गिरीश कुर्रे
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एसडीएम अजीत पुजारी
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जीपीएम स्वास्थ्य टीम
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वन विभाग और राजस्व अमला
घायलों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया। वहीं कुछ को एम्बुलेंस से बिलासपुर रेफर किया गया। प्रशासन ने भोजन और राहत सामग्री भी मौके पर पहुंचाई।
यात्रियों की बहादुरी बनी मिसाल
बस में सवार यात्रियों ने एक-दूसरे की मदद से खुद को बचाया। किसी ने कांच तोड़ा, तो कोई बच्चों को उठाकर बाहर ले आया। यह हादसा उनकी एकजुटता और हिम्मत की गवाही देता है।

Author: Deepak Mittal
