दुर्ग।
छत्तीसगढ़ के भिलाई से एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का खुलासा हुआ है, जिसने अमेरिका और कनाडा के सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया और उनसे करोड़ों रुपये की ठगी की। पुलिस ने इस हाई-टेक साइबर फ्रॉड गैंग के 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं।
एसएसपी विजय अग्रवाल ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह गिरोह जुनवानी स्थित चौहान टाउन के फ्लैट नंबर B2 से ऑपरेट हो रहा था। गुप्त सूचना के बाद पुलिस की टीम ने यहां छापेमारी की और सभी आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
‘वायरस हटाने’ के नाम पर करते थे ठगी
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे फर्जी इंटरनेशनल मोबाइल नंबरों के जरिए यूएसए और कनाडा के नागरिकों को कॉल करते थे। उन्हें बताया जाता कि उनके मोबाइल या लैपटॉप में वायरस है, जिसे हटाने के लिए टेलीग्राम जैसे ऐप पर सपोर्ट ग्रुप्स से जुड़ना होगा।
एक बार यूज़र जाल में फंस जाता, तो उससे $80 से $200 तक वसूले जाते, जो सीधे ई-वॉलेट्स में ट्रांसफर कराए जाते थे। इसके बाद इन डॉलर को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अर्जुन शर्मा नामक व्यक्ति के अकाउंट में भेजा जाता था, जो इस गैंग का मुख्य संचालक है।
12 लैपटॉप, 14 मोबाइल, लाखों की नकदी जब्त
पुलिस ने इस कार्रवाई में:
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12 कंपनियों के लैपटॉप
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14 मोबाइल फोन
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वाई-फाई राउटर, बैंक पासबुक, ATM व क्रेडिट कार्ड्स
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₹3.38 लाख नगद
बरामद किए हैं। इसके अलावा कई बैंकों के अकाउंट डिटेल्स भी मिले हैं, जो इस गिरोह की बड़ी प्लानिंग को उजागर करते हैं।
बिहार और मेघालय से जुड़े हैं तार
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बिहार और शिलांग (मेघालय) के रहने वाले हैं। मुख्य आरोपी अर्जुन शर्मा को पुलिस ने एक होटल से धर दबोचा। वो गिरोह के लिए फंड ट्रांसफर और सैलरी वितरण का काम करता था। बताया गया कि कस्टमर केयर के रूप में काम करने वाले सदस्यों को ₹25-30 हजार महीने की तनख्वाह दी जाती थी।
असली मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस
अब दुर्ग पुलिस इस गिरोह के मुख्य सरगना तक पहुंचने की कवायद में जुट गई है। माना जा रहा है कि इसका नेटवर्क कई राज्यों और देशों में फैला हुआ है।
