बालोद, राज्य शासन ने नक्सली हिंसा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों के लिए एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील निर्णय लिया है। अब उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति केवल पुलिस विभाग तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि राज्य शासन के किसी भी विभाग और किसी भी जिले या संभाग में नियुक्ति का विकल्प मिलेगा।
हाल ही में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘एकजाई पुनरीक्षित अनुकम्पा नियुक्ति निर्देश-2013’ की कंडिका 13(3) में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस निर्णय का उद्देश्य शहीदों के परिजनों को सुविधा, सम्मान और विकल्प देना है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि शहीद समाज की अमूल्य धरोहर हैं, जिन्होंने देश और प्रदेश की सुरक्षा में अपने प्राण न्यौछावर किए। उनके परिजनों को अब तक अनिवार्य रूप से पुलिस विभाग में ही नियुक्त किया जाता था, जो कई बार व्यावहारिक रूप से उचित नहीं होता था। लंबे समय से शहीद परिवारों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए इसे मंत्रिपरिषद में प्रस्तुत किया गया, जहां सर्वसम्मति से यह फैसला पारित हुआ।
उन्होंने बताया कि संशोधन के बाद अब शहीद परिवार यह तय कर सकेंगे कि वे किस विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति चाहते हैं। इससे उन्हें न केवल सुविधाजनक कार्यस्थल मिलेगा बल्कि यह निर्णय उनके आत्मसम्मान को भी मजबूत करेगा।
यह फैसला शहीदों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि है और उनके परिजनों के प्रति शासन की संवेदनशीलता तथा उत्तरदायित्व को दर्शाता है,
