छत्तीसगढ़ी लोकधुनों की नई सौगात: आरू साहू ला रहीं हैं पारंपरिक देवार गीत “रामे रामे रामा हरी”

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1 जून को होगा विशेष रूप से यूट्यूब चैनल “Aarusahu” पर प्रसारित

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो 895993111

छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, परंपरा और भक्ति को अपनी सुरीली आवाज़ से जीवंत कर रहीं युवा गायिका आरू साहू* एक बार फिर दर्शकों के बीच अपनी नई प्रस्तुति लेकर आ रही हैं। 1 जून 2025 को उनका नया पारंपरिक देवार गीत “रामे रामे रामा हरी” यूट्यूब चैनल “Aarusahu”* पर रिलीज़ होने जा रहा है।

आज जहां डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता और दिखावटी कंटेंट की भरमार है, वहीं आरू साहू जैसी लोककलाकार छत्तीसगढ़ की असली पहचान – भक्ति, परंपरा और संस्कृति को अपनी गायकी से संजोने का काम कर रही हैं। उनकी आवाज़ में लोकधुनें सिर्फ गान नहीं बल्कि संवेदनाओं की सच्ची अभिव्यक्ति बन जाती हैं।


देवार समुदाय की परंपराओं से प्रेरित यह गीत “रामे रामे रामा हरी”लोकभक्ति और सामाजिक एकता का संदेश भी अपने सुरों के माध्यम से फैलाता है। गीत में पारंपरिक वाद्ययंत्रों का समावेश, लोक लय की मिठास और आरू साहू की रूहानी गायकी श्रोताओं को छत्तीसगढ़ी लोकजीवन की गहराइयों से जोड़ने का कार्य करती है।.


आरू साहू के अनुसार आज जब युवा वर्ग आधुनिकता की दौड़ में अपनी जड़ों से दूर हो रहे हैं, ऐसे समय में हमारा प्रयास है कि लोकसंस्कृति को नए माध्यमों से नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाए
छत्तीसगढ़ के लोकगायक-संगीतप्रेमियों और सांस्कृतिक सरोकार रखने वालों के लिए यह गीत एक सांगीतिक सौगात से कम नहीं है।

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Author: Deepak Mittal

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