सेहत ठीक रखने पीने लगे हैं मिट्टी के मटके का पानी..

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फ्रिज का पानी पीने से लोग करने लगे हैं अब परहेज

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111

मुंगेली – गर्मी बढ़ने के साथ ही बाजार में लाल मटके की मांग बढ़ गई है। एक तरफ जलाऊ नहीं मिलने के कारण मिट्टी से तैयार लाल मटका महंगा हो गया है, वहीं दूसरी तरफ अपनी सेहत बचाने के लिए लोग फ्रिज के बजाये मटके का ठंडा पानी पीना पसंद कर रहे हैं।

इन दिनों एक घड़े की कीमत डेढ़ सौ रुपए तक पहुंच गई है। मिट्टी के घड़े का ठंडा पानी पीने की परंपरा हमारे यहां आमतौर पर अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होती है, किंतु लगातार बढ़ रही गर्मी के चलते लोग एकदम ठंडा पानी पीने लगे हैं। इधर फ्रिज का पानी पीने से सर्दी खांसी की शिकायत भी करने लगे हैं।

इसके चलते ही आमतौर पर लोग प्राकृतिक रूप से घड़े का ठंडा पानी पीना पसंद कर रहे हैं। आयुर्वेद चिकित्सक भी लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से मटका का अथवा तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने की सलाह देते हैं, इसलिए भी मटके की कीमत इन दिनों बढ़ी हुई है।

दिनेश कुमार साहू (बल्ला) ने राहगीरों को पिलाया शीतल जल, समाज सेवा में निभा रहे अहम भूमिका

गर्मियों की तेज धूप में जहां लोग घरों से निकलने से कतराते हैं, वहीं दिनेश कुमार साहू (बल्ला) ने अपने सेवा-भाव से राहगीरों के लिए मिसाल बनते जा रहे हैं। समाज सेवा के इस पुनीत कार्य में दिनेश का योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। वे पूरे समर्पण और निःस्वार्थ भावना से राहगीरों को शीतल जल पिलाते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। दिनेश साहू का यह समर्पण निःसंदेह प्रशंसनीय है।

उनकी यह पहल न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व का उदाहरण है, बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देती है। यह प्याऊ सेवा सभी लोगों के सहयोग से आयोजित की जा रही है, जो टीम भावना और सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। स्थानीय लोग भी दिनेश साहू की इस पहल की सराहना कर रहे हैं और इसे सामाजिक एकता का मजबूत उदाहरण मान रहे हैं।

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Author: Deepak Mittal

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