एल एन स्टील एण्ड एलोय प्राईवेट लिमिटेड द्वारा थी प्रस्तावित
निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
सरगांव -मुंगेली जिले के बड़ियाडीह गांव में मेसर्स एल एन स्टील एण्ड एलोय प्राईवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित स्टील उद्योग की पर्यावरणीय स्वीकृति के संबंध में लोक सुनवाई का आयोजन किया गया। जिसमें 8 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण ने भारी विरोध किया। लोकसुनवाई में 88 मत में खुलने के पक्ष में 3 और 85 मत विपक्ष में पड़े लिखित में 27 मत विपक्ष और 1 मत पक्ष में पड़े।
लोक सुनवाई के दौरान श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप सेवा समिति मदकू के अध्यक्ष जीवन कौशिक के द्वारा समिति की ओर से लिखित और मौखिक आपत्ति दर्ज की गई।जिसमें प्रसिद्ध पुरातात्विक एवं धार्मिक स्थल श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित होने वाले स्टील प्लांट से निकलने वाला धुआं, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, भारी धातुएं और उड़नशील राख से आसपास के वनस्पति और जीव-जंतु तंत्र को होने वाले गंभीर नुकसान, प्लांट से
शिवनाथ नदी के जल का भारी मात्रा में दोहन होने ,दूषित जल और औद्योगिक अपशिष्टों के कारण नदी का जल दूषित होने, प्लांट के अपशिष्ट से जलीय जीवों, मछलियों और पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होने की संभावना के आधार पर प्लांट को अन्यत्र स्थापित करने की मांग की।

भाजपा सरगांव मण्डल के अध्यक्ष पोषण यादव के द्वारा सरगांव क्षेत्र के के गांव में प्लांट के धुल,धुंआ,गैस से खेती, जलस्रोत,कृषि और लोकस्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों आधार पर स्टील प्लांट की स्थापना का विरोध करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष घनश्याम वर्मा के द्वारा मनियारी एवं शिवनाथ नदी के प्रदुषित होने, प्रदूषण से मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य,कृषि, पर्यावरण पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के आधार पर प्लांट का विरोध किया गया।

विशेष ध्यान देने वाली बात है कि सरगांव के रामबोड़ में स्थापित कुसुम स्मेल्टर के प्रदुषित राख,धुल से सरगांव सहित 5 किमी परिधि के गांव बुरी तरह से प्रभावित हैं। जबकि कुसुम स्मेल्टर प्लांट बड़ियाडीह में प्रस्तावित एल एन स्टील प्लांट से कम क्षमता वाला प्लांट है।
यही कारण है कि अधिक क्षमता के प्लांट खुलने से होने वाले प्रदुषण की संभावना को लेकर बड़ियाडीह के आसपास के गांव लगती,किरना सरगांव, मदकू,ठेलकी,बासीन, दरूवनकांपा,देवाकर, बार गांव, मोहभट्ठा आदि गांवों के ग्रामीणों में भारी रोष है।
