दुश्मनों की खैर नहीं…इंडियन नेवी में आज शामिल हो रहे INS सूरत, नीलगिरी और वाघशीर की जानें ताकत

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Deepak Mittal

कानपुर :आज 77वां इंडियन आर्मी डे है और इंडियन नेवी के लिए आज 15 जनवरी, बुधवार का दिन बेहद खास है। होगा भी क्यों नहीं आखिर आज उसकी ताकत में एक बड़ा इजाफा जो रहा है।

दुश्मनों से निपटने के लिए पीएम मोदी आज मुंबई में नेवल डॉकयार्ड में तीन अत्याधुनिक नौसेना लड़ाकू जहाजों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को शामिल कर रहे हैं। यह पहली बार है जब भारतीय नौसेना एक ही दिन में दो युद्धपोत और एक पनडुब्बी को शामिल करेगी। इस संबंध में पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि तीन प्रमुख नौसेना लड़ाकू जहाजों का शामिल होना डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग और मैरीटाइम सिक्योरिटी में ग्लोबल लीडर बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आईएनएस सूरत
आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15बी के तहत विशाखापत्तनम कैटेगरी के डेस्ट्रॉयर जहाजों में से लास्ट जहाज है। इसकी मौजूदगी से ही समंदर में दुश्मन खौफ खाएंगे। यह विशेष रूप से अपने साइज और एडवांस कैपेबिलिटी के लिए जाना जाता है। भारत में बने 75% कंपोनेंट के साथ यह युद्धपोत मार्डन वेपंस, सेंसर और नेटवर्क सेंट्रिक टेक्नोलॉजी से लैस है। इसका नाम सूरत शहर के नाम पर रखा गया है और यह INS विशाखापत्तनम, INS मोरमुगाओ और INS इंफाल के साथ बेड़े में शामिल हो गया है। आईएनएस सूरत कई प्रकार के हेलीकॉप्टरों का संचालन कर सकता है, जिनमें चेतक, उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर और हाल ही में शामिल किया गया एमएच-60आर शामिल है।

INS नीलगिरि
INS नीलगिरि भी दुश्मनों की बेचैनी को बढ़ा देगा। इसका नाम प्रतिष्ठित नीलगिरि पहाड़ियों के नाम पर रखा गया है। यह फ्रिगेट प्रोजेक्ट 17A का हिस्सा है। यह नाम मूल INS नीलगिरि की परंपरा को आगे बढ़ाता है, जो 1972 में कमीशन किया गया भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया फ्रिगेट है। स्टेल्थ फीचर्स और एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ, यह न्यू जेनरेशन वारशिप मैरीटाइम हारवेस्ट को इनोवेशन के साथ जोड़ता है। नीलगिरि भी कई प्रकार के हेलीकॉप्टरों का संचालन कर सकता हैं, जिनमें चेतक, उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर और हाल ही में शामिल किया गया एमएच-60आर शामिल है।

INS वाघशीर
प्रोजेक्ट 75 के तहत स्कॉर्पीन-क्लास की छठी सबमरीन यानी कि पनडुब्बी है। यह दुश्मन के सतह पर तैर रहे जहाजों पर नजर रखने व अटैक करने की एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है। INS वाघशीर भारत की बढ़ती पनडुब्बी-निर्माण क्षमता को दर्शाती है। फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से डिजाइन की गई, यह डीजल-इलेक्ट्रिक अटैक पनडुब्बी स्टेल्थ और फायरपावर को जोड़ती है। वाघशीर दुनिया की सबसे साइलेंट और वर्सेटाइल डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक है। इसे एक वाइड रेंज मिशन जैसे एंटी सरफेस वारफेयर, एंटी सबमरीन वारफेयर, इंटलीजेंस गेदरिंग, एरिया सर्विलांस एंड स्पेशन ऑपरेशन आदि के लिए बनाया गया है।

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Author: Deepak Mittal

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