बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई ऐसे परिवार हैं जिन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास पहचान बनाई है। इनमें से एक नाम है कपूर परिवार, जिनका फिल्मी योगदान दशकों से रहा है।
इस परिवार के सबसे फेमस सितारे राज कपूर थे, उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी एक खास जगह बनाई। हाल ही में राज कपूर की 100वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई, जिसमें कई कपूर परिवार के सदस्य और बॉलीवुड की मशहूर हस्तियां शामिल हुईं। इस मौके पर करीना कपूर, रणबीर कपूर, सैफ अली खान, आलिया भट्ट और नीतू कपूर समेत कई नामचीन सितारे मौजूद थे। हालांकि कपूर परिवार में एक सदस्य ऐसा भी है, जिसने फिल्मी दुनिया से खुद को अलग कर लिया। आखिर कौन हैं ये मेंबर, चलिए आपको बताते हैं।
आदित्य राज कपूर ने रचा इतिहास
आज हम बात करेंगे उस मेंबर के बारे में, जो बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के बजाय एक टीचर बन चुका है। दरअसल हम बात कर रहे हैं महान अभिनेता शम्मी कपूर के बेटे आदित्य राज कपूर की। आदित्य राज कपूर कपूर परिवार एकमात्र सदस्य हैं, जिन्होंने फिल्मों से दूरी बनाकर शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाया है।
कपूर परिवार के सदस्य हमेशा से फिल्म इंडस्ट्री के स्टार रहे हैं, लेकिन आदित्य राज कपूर ने कभी भी इस रास्ते पर नहीं चलने का फैसला किया। आदित्य ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखा और 67 साल की उम्र में उन्होंने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र में डिग्री प्राप्त की। इस तरह वो भारत के सबसे उम्रदराज ग्रेजुएट्स में से एक भी बन गए।
आदित्य राज कपूर का फिल्मी करियर
शम्मी कपूर और गीता बाली के बेटे आदित्य राज कपूर का फिल्मी करियर शुरुआत में अच्छा था। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने चाचा राज कपूर की फिल्म ‘बॉबी’ में सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने ‘धर्म करम’ और ‘सत्यम शिवं सुंदरम’ जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया। हालांकि वो फिल्म इंडस्ट्री से पूरी तरह से जुड़ने के बजाय कुछ समय बाद कारोबार में उतर आए।
आदित्य राज कपूर ने 2010 में एक बार फिर फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और फिल्म ‘चेज’ में अभिनय किया। इसके बाद 2014 में उन्होंने एक टीवी शो ‘एवरेस्ट’ में भी अभिनय किया। हालांकि फिल्म और टीवी शो के बाद आदित्य ने फिर से फिल्मों से दूरी बना ली और अपने शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने का निर्णय लिया। महामारी से पहले उन्होंने अभिनय को छोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में काम करना शुरू किया।
शिक्षक के तौर पर कर रहे काम
अब आदित्य राज कपूर अपने जीवन को एक शिक्षक के रूप में जी रहे हैं। ये कदम न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक बड़ा बदलाव था। जहां कपूर परिवार के अन्य सदस्य सिनेमा की दुनिया में अपना योगदान दे रहे हैं, वहीं आदित्य ने अपनी राह अलग चुनी।
आदित्य राज कपूर का ये कदम साबित करता है कि जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए केवल फिल्मों का रास्ता ही नहीं है, बल्कि शिक्षा और समाज सेवा की दिशा में भी काम किया जा सकता है। उनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए इंस्पायरिंग है जो किसी कारणवश फिल्म इंडस्ट्री में नहीं आ पाते, लेकिन वो जीवन के दूसरे क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बना सकते हैं।