दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की बड़ी घोषणा, स्टूडेंट्स को मिलेगी अंबेडकर स्कॉलरशिप

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Delhi Assembly Elections 2025 : दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए, जबकि कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है।

इस बीच आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बड़ा ऐलान किया है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी ने बाबा साहेब का अपमान किया और उनका मजाक उड़ाया। इसके जवाब में उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराम अंबेडकर के सम्मान में एक बड़ा ऐलान किया। आम आदमी पार्टी की सरकार दलित समाज के स्टूडेंट्स को डॉ. अंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप देगी।

4 तरह के कुंभ मेले

कुंभ मेला वास्तव में 4 प्रकार के होते हैं। कुंभ, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ। कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार लगता है। वहीं पूर्ण कुंभ का आयोजन भी 12 साल के अंतराल पर होता है। हालांकि कुंभ मेला हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में लगता है, तो वहीं पूर्ण कुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही लगता है। इसके अलावा अर्ध कुंभ हर 6 साल में 1 बार लगता है, जो प्रयागराज और हरिद्वार में बारी-बारी आयोजित किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि महाकुंभ मेला 144 साल में 1 बार आयोजित किया जाता है। वहीं महाकुंभ सिर्फ प्रयागराज के संगम तट पर ही लगता है।

मेला समय जगह
कुंभ मेला 12 साल हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन
पूर्ण कुंभ 12 साल प्रयागराज
अर्ध कुंभ 6 साल हरिद्वार और प्रयागराज
महाकुंभ 144 साल प्रयागराज

महाकुंभ या पूर्ण कुंभ

संगम नगरी में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक लगने वाले कुंभ मेले को महाकुंभ कहा जा रहा है। मगर वास्तव में यह पूर्ण कुंभ है, जो 12 साल बाद लग रहा है। जब कि महाकुंभ मेला 144 साल में लगता है। तो 2025 का महाकुंभ असल में पूर्ण कुंभ मेला है। इससे पहले 2013 में प्रयाग महाकुंभ आयोजित किया गया था।

प्रयागराज में ही क्यों लगता है महाकुंभ?

पूर्ण कुंभ और महाकुंभ सिर्फ संगम नगरी प्रयागराज में ही आयोजित किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार गुरु बृहस्पति हर साल अलग-अलग राशियों में प्रवेश करते हैं और उन्हें दोबारा उसी राशि में वापस आने में 12 साल का समय लगता है। ऐसे में जब बृहस्पति ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मकर राशि में गोचर करता है, तभी तीर्थराज प्रयागराज में संगम तट पर महाकुंभ का आगाज होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दौरान संगम में डुबकी लगाने से लोगों को मोक्ष मिलता है।

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Author: Deepak Mittal

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