गरियाबंद में नेशनल लोक अदालत का सफल हुआ आयोजन,,,53 हजार 793 प्रकरणों का किया गया निपटारा

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गरियाबंद में नेशनल लोक अदालत का सफल हुआ आयोजन
53 हजार 793 प्रकरणों का किया गया निपटारा

योगेश राजपूत गरियाबंद- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर बलराम प्रसाद वर्मा के निर्देशानुसार जिला एवं अपर सत्र न्यायालय गरियाबंद, किशोर न्याय बोर्ड गरियाबंद तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों एवं राजिम और देवभोग के न्यायालयों में शनिवार 14 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत के लिए तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था, तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने बताया कि लोक अदालत हेतु जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश गरियाबंद मती तजेश्वरी देवी देवागंन की गठित खण्डपीठ में कुल 74 लंबित एवं 1463 प्रिलिटिगेशन प्रकरण कुल 1537 प्रकरण राजीनामा हेतु रखे गये थे।

जिनमें 10 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 39 लाख 65 हजार रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वही 147 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 9 लाख 70 हजार 516 रूपये का एवार्ड पारित किया गया एवं कुल 10 लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 157 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 49 लाख 35 हजार 518 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वरिष्ठ श्रेणी गरियाबंद मती छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 2977 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे तथा लंबित/समरी मामले सहित कुल 3138 लंबित प्रकरण रखे गये थे। जिनमें से 17 प्री-लिटिगेशन प्रकरण 97 लंबित/समरी मामलों का निराकरण करते हुए कुल 114 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 11 लाख 24 हजार 665 रूपये की राशि अदा करायी गयी। प्रशान्त कुमार देवांगन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश कनिष्ठ श्रेणी गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 780 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, तथा लंबित/समरी मामले सहित कुल 822 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 136 प्री-लिटिगेशन प्रकरण 30 लंबित/समरी मामलों का निराकरण करते हुए कुल 166 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 7 लाख 43 हजार 627 रूपये की राशि अदा करायी गयी।

प्रशान्त कुमार देवांगन प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में राजीनामा योग्य लंबित 04 प्रकरण रखे गये थे। जिसमें 02 प्रकरण का निराकरण किया गया तथा मती किरण पन्ना न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश कनिष्ठ श्रेणी देवभोग खण्डपीठ में 1140 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, लंबित/समरी मामले सहित कुल लंबित 427 प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 47 प्री-लिटिगेशन प्रकरण एवं 418 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए कुल 465 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 7 लाख 43 हजार 820 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इसी प्रकार सचिन पॉल टोप्पो न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी राजिम की गठित खण्डपीठ में 2694 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे। समरी मामले सहित कुल लंबित 531 प्रकरण रखे गये थे। जिनमें से 261 प्री-लिटिगेशन प्रकरण एवं 301 लंबित/समरी मामलों का निराकरण करते हुए कुल 562 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 28 लाख 59 हजार 213 रूपये की राशि अदा करायी गयी। इसके साथ ही राजस्व न्यायालयों में कुल 52 हजार 327 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 53 हजार 793 प्रकरणों का निराकरण किया गया है।

तालुका अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष बलराम प्रसाद वर्मा एवं सचिव रमेश चौहान के द्वारा समय-समय पर दिये गये निर्देशानुसार अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा नेशनल लोक अदालत के अवसर पर जिला एवं अपर सत्र न्यायालय गरियाबंद के परिसर में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाये गये, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं फुलदार पौधों एवं वृक्षों का वितरण किया गया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोक अदालत में आये गये पक्षकारों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जन सामान्य का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री- सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किये गये। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।

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