जे के मिश्र,बिलासपुर। व्यापार विहार क्षेत्र में नगर निगम द्वारा कचरा डंप किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है और निगम से स्पष्टीकरण मांगा है। सोमवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में नगर निगम ने सूचित किया कि उन्होंने सफाई अभियान चलाकर क्षेत्र से लगभग 50 हाइवा कचरा हटा लिया है और अधिकांश क्षेत्र को साफ कर दिया गया है। अदालत ने नगर निगम की इस जानकारी को संज्ञान में लिया और निगम आयुक्त को शपथ पत्र के माध्यम से पूरी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि निगम ने व्यापार विहार स्थित तारामंडल के पीछे दो करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजोन विकसित किया था, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में हरियाली और स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करना था। लेकिन, यहां धीरे-धीरे कचरा डंप किया जाने लगा। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी संभालने वाली रामके कंपनी ने इस स्थान को डंपिंग जोन में तब्दील कर दिया। तिफरा, सिरगिट्टी, व्यापार विहार और आसपास के क्षेत्रों से लाखों टन कचरा लगभग 10 एकड़ भूमि पर डंप किया जा रहा था।
आज कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान निगम ने सूचित किया कि सफाई अभियान के तहत अब तक 50 हाइवा कचरा उठाया जा चुका है और लगभग पूरा क्षेत्र साफ कर लिया गया है। हाईकोर्ट ने निगम की इस कार्रवाई पर संतोष जताया, लेकिन आयुक्त को इस संबंध में एक शपथ पत्र के साथ संपूर्ण जानकारी अदालत में पेश करने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि नगर निगम ने शहर से कचरा उठाने का ठेका हैदराबाद की रामके कंपनी को दिया हुआ है, जिसका काम शहर से कचरा इकट्ठा कर उसे ग्राम कछार के कचरा प्रबंधन संयंत्र तक पहुंचाना है। लेकिन, उच्च लागत के कारण कंपनी व्यापार विहार में ही कचरा डंप कर रही थी, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और शिकायतें बढ़ने लगी थीं।
