गुना हादसा: बिना बीमा और फिटनेस के सड़क पर दौड़ रही बसें

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Deepak Mittal

 

Guna Accident: Buses running on the road without insurance and fitness  

गुना हादसे वाली बस की खत्म हो चुकी थी फिटनेस
– फोटो : Amar Ujala Digital

विस्तार

गुना में बुधवार रात हुए हादसे में 13 लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार सख्त है। बस का न बीमा था और न ही फिटनेस। रोड टैक्स भी खत्म हो चुका था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना में कार्रवाई कारते हुए परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा को हटाया। कलेक्टर तरुण राठी, पुलिस अधीक्षक विजय कुमार खत्री को हटा दिया गया है। गुना आरटीओ रवि बरेलिया और सीएमओ बीडी कतरोलिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अपर मुख्य सचिव गृह विभाग राजेश कुमार राजौरा को अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग का अतिरिक्त रूप से प्रभार सौंपा गया। प्रमुख सचिव परिवहन विभाग के अतिरिक्त प्रभार से आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह को मुक्त किया गया।

सीएम यादव ने कहा कि घटना में जो जिम्मेदार है, उसे नहीं छोड़ा जाएगा। गुना हादसे के बाद समय पर फायर ब्रिगेड सेवा उपलब्ध न करवाए जाने के कारण नगर पालिका अधिकारी के निलंबन का कदम उठाया गया है।

राष्ट्रपति ने की संवेदना व्यक्त

 

बस हादसे पर महामहीम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शोक जाहिर किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश के गुना में हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार दुखद है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।

 

 

गुना बस हादसे को लेकर नए खुलासे हुए हैं। इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीएल मुकाती ने कहा है कि बस 15 साल पुरानी थी। यह बस कैसे सड़क पर चल रही थी? परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, डॉ. मोहन यादव ने भी हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को न बख्शने की बात कही है।

बुधवार को गुना से आरोन जा रही बस की डंपर से टक्कर हुई थी। इसके बाद बस में आग लग गई। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीडब्ल्यूडी और कृषि विभाग की समीक्षा बैठक टाल दी है। सीएम घायलों का हाल जानने गुना पहुंचे हुए हैं।

 

जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे

 

मुख्यममंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैंने हादसे के बाद कलेक्टर-एसपी से बात की थी। यह घटना हृदयविदारक है। हम कोशिश करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो। मैंने जांच के आदेश दिए हैं। बस का परमिट नहीं था तो वह कैसे चल रही थी। जिस टर्निंग पॉइंट पर यह टक्कर हुई, उसका क्या कर सकते हैं, यह भी देखेंगे। सभी डेंजर जोन को चिह्नित कर ठीक किया जाएगा। जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे। मैं दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हूं। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के साथ ही ऐसी घटनाएं न हों, इसके प्रबंध भी किए जाएंगे।

जांच समिति गठित

 

गुना में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री के जांच के आदेश के बाद जांच समिति गठित हो गई है। तीन दिन में यह समिति राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। गुना के अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। उनके नेतृत्व वाली समिति में गुना एसडीएम दिनेश सावले, ग्वालियर से संभागीय उप परिवहन आयुक्त अरुण कुमार सिंह और गुना के विद्युत सुरक्षा सहायक यंत्री प्राणसिंह राय भी शामिल हैं। समिति घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच करेगी। इनमें दुर्घटना के कारण, दुर्घटनाग्रस्त बस और डम्पर को प्राप्त विभिन्न अनुमतियों, बस में आग लगने के कारण, उत्तरदायी विभागों की भूमिका आदि की जांच शामिल है। तीन दिन में यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुख्य सचिव को गुना हादसे में अन्य दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही परिवहन विभाग को दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने को कहा गया है। राज्य स्तर से सभी कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश भेजे जा रहे हैं कि यदि बगैर परमिट के वाहन चलते हैं तो सतर्कता बरतें और दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाएं। परिवहन विभाग के उच्च स्तर के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने  गुना हादसे में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के बेहतर उपचार के निर्देश दिए हैं। घटना से संबंधित जांच समिति भी गठित की गई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का दायित्व निर्धारित करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो यह भी ध्यान रखा जाएगा। यह संवेदनशील विषय है। इस संबंध में राज्य सरकार ने सजगता से ऐसी  दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए भी निर्देश दिए हैं। सभी जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध राज्य सरकार आवश्यक रूप से सख्त कार्रवाई करेगी।

हादसे में लापता हुए लोग

 

आर्थिक सहायता और इलाज की सुविधा मिलेगी

 

डॉ. यादव ने बुधवार को ही घटना की जांच के आदेश दिए थे। आर्थिक सहायता की घोषणा भी की थी। मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई है। घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के भी निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए गए हैं।

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने उठाए सवाल 

 

इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीएल मुकाती ने दुर्घटनाग्रस्त बस के कागज सोशल मीडिया पर शेयर किए। साथ ही लिखा कि‘महोदय, बस 15 वर्ष पुरानी है। रोड पर कैसे चल रही थी? फिटनेस, बीमा नहीं है। RC डिटेल डाली है। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ बहुत गहरी है। मोहन (यादव) सरकार को सुदर्शन चक्र चलना पड़ेगा विभाग पर। ऐसी दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन जिम्मेदार लोग इसपर ध्यान नहीं देते हैं।’

 

ढाई साल पहले खत्म हो चुका था बीमा

 

बस क्रमांक एमपी08-पी-0199 का रजिस्ट्रेशन 15 साल तीन माह पहले हुआ था। फिटनेस खत्म हो चुका है, जो सिर्फ 17 फरवरी 2022 तक ही वैध था। इसी तरह टैक्स की वैधता भी जुलाई 2022 में खत्म हो चुकी है। पीयूसी तो बना ही नहीं है। इसके अलावा बीमा भी 30 अप्रैल 2021 तक ही था। परिवहन विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक 15 साल पुरानी यात्री बसों को परमिट नहीं दिया जाता।

हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए

 

मंदसौर के पूर्व विधायक यशपाल सिसोदिया ने एक्स पर लिखा कि ‘सीएम मोहन यादव जी दुखद और हृदयविदारक इस घटना को आपने गंभीरता से लिया, सारे आवश्यक कार्य छोड़कर के आप गंभीर घायलों की कुशलता पूछने के लिए निकल रहे हैं। बस में अनेक अनियमितता थीं। दोषी के ऊपर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।’

प्रधानमंत्री मोदी ने भी घटना पर जताया दुख

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी जताया दुख

 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गुना से आरोन जा रही बस में भीषण आग लगने से यात्रियों के असामयिक निधन का समाचार हृदय विदारक है। दु:ख की इस घड़ी में हम सबकी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान व परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

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