दंतेवाड़ा : दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान “लोन वर्राटू” (घर वापस आईये) के तहत माओवादी दंपति सहित 20 लाख के चार इनामी माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में से दो रीजनल कंपनी नंबर 02 के सदस्य हैं।
जिन पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 8-8 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इसके अलावा, उत्तर सब जोनल ब्यूरो की राजनीतिक टीम की एक सदस्य और पूर्व आरपीसी (क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन) अध्यक्ष भी शामिल हैं, जिन पर क्रमशः 3 लाख और 1 लाख रुपये का इनाम था।
प्रमुख आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी:
1. हुंगा तामो उर्फ तामो सुर्या – रीजनल कंपनी नम्बर 02 के सदस्य (08 लाख रुपये इनामी)
2. आयती ताती – रीजनल कंपनी नम्बर 02 की सदस्या (08 लाख रुपये इनामी)
3. देवे उर्फ विज्जे वंजाम – उत्तर सब जोनल ब्यूरो की सदस्य/राजनीतिक टीम सदस्या (03 लाख रुपये इनामी)
4. माड़वी आयते – पूर्व आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष (01 लाख रुपये इनामी)
महत्वपूर्ण घटनाएं: रीजनल कंपनी नम्बर 02 के सदस्य हुंगा तामो 2018 में छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर पुलिस पार्टी पर हमले जैसी कई गंभीर घटनाओं में शामिल था। वहीं, आत्मसमर्पित राजनीतिक टीम सदस्या नए कैडर को नक्सल संगठन के विभिन्न विषयों पर शिक्षा देती थी।
पुनर्वास नीति और लोन वर्राटू अभियान की सफलता: आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें समाज में पुनर्वासित करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, आवास, और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
अब तक लोन वर्राटू अभियान के तहत 197 इनामी माओवादी सहित कुल 872 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

Author: Deepak Mittal
