( जे के मिश्र ) बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक रतनपुर महामाया मंदिर को काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर भव्य रूप से विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय एजेंसी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में केंद्रीय राज्य मंत्री और बिलासपुर सांसद तोखन साहू ने अधिकारियों के साथ 13 सितंबर को एक बैठक की, जिसमें परियोजना से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
तोखन साहू ने जानकारी दी कि जल्द ही इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। आवासन और शहरी मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री साहू ने कहा कि सरकार रतनपुर महामाया मंदिर कॉरिडोर को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। अयोध्या, काशी और उज्जैन के महाकाल मंदिरों की तर्ज पर महामाया मंदिर का विकास किया जाएगा।
श्रद्धालुओं के लिए मिलेंगी ये सुविधाएं
परियोजना के अंतर्गत मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं को तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। इनमें शामिल हैं:
ज्योति कक्ष
भागवत मंच
प्रार्थना स्थल
संग्रहालय
कार्यालय
साथ ही, मंदिर के पास होटल, दुकानें, पार्किंग स्थल और सड़कों का भी विकास किया जाएगा ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इस प्रोजेक्ट के जरिए न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे।
महामाया कॉरिडोर: एक बड़ा कदम
केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि धार्मिक स्थलों के विकास के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। तीर्थयात्रियों और धार्मिक पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इन स्थलों का व्यापक विकास किया जा रहा है। देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों की तरह, महामाया मंदिर भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके जरिए न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा।
एनबीसीसी के अधिकारियों से बैठक
दिल्ली के निर्माण भवन में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) के अधिकारियों के साथ भी एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में एनबीसीसी के सीएमडी केपी महादेवस्वामी और सीजीएम आरएन शिना भी मौजूद थे। उन्होंने इस प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी साझा की और एक प्रेजेंटेशन के जरिए महामाया मंदिर कॉरिडोर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

Author: Deepak Mittal
