आरंग: रायपुर-वाल्टेयर रेलवे लाइन पर स्थित आरंग महानदी स्टेशन, जो कि प्रदेश के सबसे बड़े ब्लॉकों में से एक आरंग ब्लॉक के अंतर्गत आता है, दमदार नेतृत्व की कमी के कारण उपेक्षा का शिकार हो रहा है।
इस स्टेशन पर एक दर्जन से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन उनमें से किसी का भी स्टॉपेज यहां नहीं है। स्थानीय लोगों का मानना है कि क्षेत्र में प्रभावी जनप्रतिनिधियों की कमी के कारण यह समस्या बनी हुई है।
आरंग ब्लॉक की सीमा तीन विधानसभा क्षेत्रों में फैली हुई है, और यह संबलपुर डिविजन का अंतिम स्टेशन है। बावजूद इसके, यहां के लोगों की मांग और लंबे समय से किए जा रहे आंदोलनों के बाद भी स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित नहीं हो पाया है।
वरिष्ठ पार्षद ध्रुव कुमार मिर्धा, पूर्व नपा अध्यक्ष रमेश कुमार तिवारी, और जन सेवा समिति अध्यक्ष श्रवण अग्रवाल जैसे स्थानीय नेता इस दिशा में प्रयास कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका है। क्षेत्र के निवासियों को श्री जगन्नाथपुरी की यात्रा या उच्च न्यायालय बिलासपुर जाने के लिए ट्रेनें बदलनी पड़ती हैं, जिससे उन्हें काफी असुविधा होती है।
इस बीच, रेलवे द्वारा स्टेशन पर मालगाड़ियों और खराब इंजनों को खड़ा करने के लिए एक अतिरिक्त ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है।
इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि बेलसोंधा (महासमुंद) रेलवे स्टेशन की लोडिंग और अनलोडिंग क्षमता पूरी हो चुकी है, और उस दबाव को कम करने के लिए आरंग महानदी स्टेशन को चुना गया है। कुल मिलाकर, इस स्टेशन का उपयोग मुख्य रूप से अनुपयोगी रेल डिब्बों और बंद हुए रेल इंजनों के लिए किया जा रहा है, जबकि यात्रियों की सुविधा को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस समस्या के समाधान के लिए क्षेत्र के निवासियों को प्रभावी नेतृत्व की दरकार है, जो उनकी आवाज को सही मंच तक पहुंचा सके और आरंग महानदी स्टेशन को उसका उचित स्थान दिला सके।
संकलनकर्ता : रोशन चंद्राकर
