
(जे के मिश्र) बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में जर्जर भवनों की स्थिति ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। हाल ही में मस्तूरी क्षेत्र के फरहदा हाई स्कूल में कक्षा 9वीं की एक छात्रा के ऊपर अचानक चल रहा पंखा गिर गया, जिससे उसके हाथ और कंधे पर गंभीर चोटें आईं। यह घटना स्कूल की कक्षाओं के दौरान हुई, जब बच्चे पढ़ाई में व्यस्त थे।
घटना के बाद स्कूल प्रशासन में हड़कंप मच गया और तुरंत ही घायल छात्रा को निजी अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद छात्रा को घर भेज दिया गया।
यह घटना तब हुई जब मंगलवार को दोपहर के समय 9वीं कक्षा की क्लास चल रही थी। अचानक छत से पंखा टूटकर छात्रा जया कुमारी के ऊपर आ गिरा, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।
जर्जर स्कूल भवन बच्चों के लिए खतरा
यह पहली बार नहीं है जब जिले के किसी स्कूल में इस तरह की घटना हुई हो। जिले में करीब 761 स्कूल जर्जर हालत में हैं
और 300 से अधिक स्कूलों को तोड़कर फिर से बनाना जरूरी है। खासकर बरसात के मौसम में इन स्कूलों की हालत और भी खराब हो जाती है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं।
फरहदा स्कूल की स्थिति भी खराब
फरहदा हाई स्कूल, जहां यह हादसा हुआ, नए भवन में संचालित हो रहा है। बावजूद इसके, स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। हाल ही में जांजगीर जिले में भी स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से कई बच्चे घायल हो गए थे।
प्रशासन की लापरवाही उजागर
इन घटनाओं से साफ है कि जिले में शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण बच्चों की जान हमेशा खतरे में रहती है।
स्कूलों की जर्जर हालत और उचित रखरखाव की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। ऐसे में प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Author: Deepak Mittal
