युक्तियुक्तकरण से छत्तीसगढ़ की शिक्षा हो जाएगी बर्बाद, जिसके विरोध में 16 अगस्त को सभी जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री के नाम सौंपा जाएगा ज्ञापन- बलजीत सिंह कांत

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(निर्मल अग्रवाल) : मुंगेली – छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 02 सितंबर 2024 के तिथि में राज्य के शालाओं एवं शिक्षकों के लिए युक्तियुक्तकरण किए जाने का आदेश जारी किया गया है।

इस आदेश को देखें तो इसमें ना ही सेटअप का पालन किया गया है और ना ही नई शिक्षा नीति एवं शिक्षा के अधिकार कानून का पालन किया गया। यह सिर्फ स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के दिखावा करने के लिए पूरी तरह मनमानी ढंग से बनाया गया है। 

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण का यह तरीका छत्तीसगढ़ के शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर देगा और इससे शिक्षक बड़ी संख्या में प्रभावित व परेशान होंगे।

जैन जी ने आगे कहा कि संघ इस युक्तियुक्तकरण का कड़ा विरोध करते हुए, मांग करता है कि शालाओं में लागू सेटअप के अनुसार समायोजन किया जाए क्योंकि यही नियम और विधान है। बिलासपुर संभागध्यक्ष मोहन लहरी ने कहा कि  प्राथमिक शाला में 60 की दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित दो शिक्षक जबकि कक्षाएं पाच होती है।

वही माध्यमिक शाला में 105 के दर्ज पर प्रधान पाठक सहित चार शिक्षक जबकि यहां विषय आधारित शिक्षण होता है जिसमें 06 विषय होते हैं। वही हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी में भी विषय आधारित शिक्षक होते हैं।

कम दर्ज वाले शालाओं का एवं एक ही परिसर में संचालित शालाओं का समायोजन से प्रधान पाठक भी बड़ी संख्या में अतिशेष होंगे। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहला मौका होगा जब प्रधान पाठक को अतिशेष बनाया जा रहा है।

राजस्व ग्राम के शालाओं को कम दर्ज संख्या का हवाला देकर बंद किया जाना पूरी तरह से अन्याय है। क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य की प्राथमिक व्यवस्था प्रत्येक व्यक्ति और ग्राम के लिए किया जाना सरकार का प्राथमिक दायित्व है।

इससे शिक्षा तो बर्बाद होगा ही, शिक्षक प्रभावित और परेशान होंगे ही उसके साथ ही शिक्षकों के पदोन्नति का अवसर लगभग समाप्त हो जाएगा क्योंकि यह युतियुक्तकरण बड़ी संख्या में पद को समाप्त कर देगा और जो बेरोजगार शिक्षक बनने की राह ताक रहे हैं उनके हाथ भी निराशा ही लगेगा।

किसी भी राज्य के शालाओं में पदस्थापना उसके स्वीकृत सेटअप के अनुसार ही होता है। यहां छत्तीसगढ़ के शालाओं का सेटअप अलग कहता है और युतियुक्तकरण में अलग नियम बनाया गया है। इससे छत्तीसगढ़ के शिक्षक काफी हताश, निराश और आक्रोषित है।

जिसे देखते हुए इस गंभीर विषय पर छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ  ने प्रदेश के समस्त शिक्षकों से 16 अगस्त 2024 के ज्ञापन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल होकर राज्य सरकार को कड़ा संदेश देने का आह्वान एवं आग्रह किया है। जिसमे बिलासपुर संभाग के समस्त  कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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Author: Deepak Mittal

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