
मुंगेली-बीते बुधवार दिनांक 7/8/24 को भाटिया वाइन ,जिला कृषि अधिकारी ,आबकारी विभाग और गामीणों के बीच बैठक हुई। पीड़ित किसानों ने कहा कि इस बैठक में आस पास के क्षेत्रीय नेता ,पूर्व जिला जनपद सदस्य व ग्राम पंचायत धुमा, खजरी,सावतपुर के सरपंच मौजूद थे जो भाटिया वाइन फैक्ट्री के पक्ष में बात कर रहे थे।
फैक्ट्री संचालक के द्वारा जनप्रतिनिधियों को पैसे का दिया गया लालच..
सूत्रों व गामीणों से जानकारी मिला है कि फैक्ट्री के संचालक द्वारा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और सरपंचों को अपने पक्ष में लेने के लिए लाखों रुपये दिया गया है। जिससे सभी लोग भाटिया वाइन के पक्ष में बात कर रहे थे और किसानों को जबरन दबावपूर्वक कृषि अधिकारियों के सामने फसल बर्बाद नहीं होने की बात करते हुए किसानों की सहमति के बिना हस्ताक्षर करवा रहे थे जो की जांच का विषय है।
वर्तमान समय की स्थिति को देखते हुए जिला कृषि अधिकारी ने कहा की वर्तमान में किसी का फसल नुकसान नहीं हुआ यह कहते हुए उपस्थित क्षेत्रीय नेताओं के द्वारा 24 किसानों से दबाव पूर्वक हस्ताक्षर करवाया और स्वयं भी हस्ताक्षर किए चुकी वर्तमान में शिवनाथ नदी में उतना ज्यादा बाढ़ नहीं आया है.

जो खेतों में बाढ़ का पानी चला जाए। बीते 15 से 20 दिनों तक हाई कोर्ट के आदेश के कारण भाटिया वाइन फैक्ट्री बंद है जिसे फैक्ट्री का प्रदूषित पानी नाला नदी में नहीं छोड़ा जा रहा है जिसके वजह से अभी क्षेत्र में प्रदूषण नहीं दिख रहा है।
पहले भी हुआ था किसानों का बैठक…
बता दे इसके पूर्व भी किसानों का बैठक कृषि अधिकारियों के द्वारा लिया गया था। बुधवार के बैठक में वे किसान इस बैठक में उपस्थित नहीं रहे। वे सभी किसानों ने अपना विरोध दर्ज किया लेकिन उसके बाद भी किसानों पर अधिकारी और नेताओं के द्वारा दबाव डालते हुए चुप कराया गया और उनकी बात नहीं सुनी गई बुधवार के बैठक में अधिकारियों की बातों से किसान संतुष्ट नहीं रहे क्योंकि बीते 15 20 दिनों से भाटिया वाइन मर्चेंट धूमा में उत्पादन कार्य बंद है इस वजह से ग्रामीण और किसानों को बीते कुछ दिनों से प्रदूषण से आराम है और वर्तमान में इस प्रकार शुद्ध माहौल देख लोगों को कहना है कि यह कंपनी इसी प्रकार हमेशा के लिए बंद हो जाए।भाटिया वाइन के प्रदूषण से सबसे ज्यादा खजरी, नगपुरा, सावतपुर, सल्फा के किसानों का 350 एकड़ खेत प्रभावित होता हैं।
कलेक्टर और SDM से शिकायत किया जायेगा..
किसानों ने कहा कि ऐसे जबरन और दबाव पूर्वक हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों को लेकर जल्द किसानों के द्वारा शिकायत किया जाएगा।
