तारलागुड़ा में लाल पानी से प्यास बुझा रहे 4 पोटाकेबिन के 500 बच्चे,मौत कि घटनाओ के बाद भी सबक नहीं..

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नवभारत टाइम्स जिला बीजापुर ब्यूरो प्रमुख जरखान

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भोपालपटनम  : तारलागुड़ा में संचालि रेसिडेंशियल कन्या आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन,व बालक आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन,एवं आरएमएसए बालक/बालिका पोटाकेबिन के सैकड़ो बच्चे दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। यहां लगे हैंडपंपो में लाल पानी आता है इसके आलावा बच्चो को पीने के पानी का दूसरा कोई विकल्प नहीं हैं। कन्या पोटाकेबिन मे पदस्थ अनुदेशकों ने बताया कि फ़िल्टर प्लांट लगा हुआ हैं जिससे पानी फ़िल्टर होकर साफ सुथरा मिलता था मगर वह भी तक़रीबन 1 साल से ख़राब पड़ा हुआ हैं। जिसके चलते बच्चों को बोर से निकलता आयरन पानी पीना पड़ रहा है।


इस इलाके मे रह रहे चार पोटाकेबिन के तक़रीबन 500 से अधिक बच्चो को आयरन पीना पड़ रहा है। और स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ रहा है बच्चे इस दूषित पानी को पीकर बीमार भी पड़ रहे हैं। कन्या पोटाकेबिन मे लगभग 250 बच्चे अध्यानरथ हैं वही बालक पोटाकेबिन मे भी लगभग 250 बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। आरएमएसए बालक/बालिका में 100 बच्चे अध्यनरत है।

आश्रम शालाओं मे लाल पानी उगलता हैंडपंप के अलावा पानी का कोई अन्य स्त्रोत नहीं है। बच्चो के स्वास्थ्य के मामले मे प्रशासन भी बेखबर हैं। हाल ही मे तारलागुडा पोटाकेबिन व सांगमपल्ली पोटाकेबिन मे दो बच्चो कि मलेरिया से मौत हो गई थी इसको लेकर पूरे शासन प्रशासन नें हड़कंप मच गया था सोमवार को स्वास्थय मंत्री आकर चले गए हैं वही लगातार स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर लेकिन ऐसी परिस्थितियों कि ओर सम्बंधितो का ध्यान नहीं हैं।

एक साल से ख़राब पड़ी फ़िल्टर मशीन।

समग्र शिक्षा रेसिडेंशियल कन्या आवासीय विद्यालय तारलागुडा परिसर मे फ़िल्टर प्लांट लगाया गया हैं लेकिन वह एक साल से ख़राब पड़ा हुआ हैं बच्चे हैंडपंप से निकलता हुआ लाल व दूषित पानी पी रहे हैं आश्रमो मे मौत कि घटनाएं सामने आने के बाद भी प्रशासन सख्त नहीं हैं एक साल से ख़राब पड़े फ़िल्टर प्लांट को बनाने कि कवयात नहीं कि गई हैं ऐसे मे क्या उम्मीद करें कि बच्चे स्वास्थ्य रहेंगे।

मौत कि घटनाओ के बाद भी सबक नहीं।

लगातार हुई मौत कि घटनाओ के बाद भी विभाग बेखबर हैं बीमारियों से बचने के लिए विभाग कोई ठोस उपाए करता नजर नहीं आ रहा हैं तारलागुडा आश्रम शालाओं मे लाला पानी के घेरे मे बच्चे हैं बोरिंग से निकलता पानी जंग खाया हुआ बदबू भी मारता हैं साफ सुथरा करने वाले उपकरण खराब पड़े हुए हैं।

बाइट- बी आर बंजारे पीएचई उपअभियंता
ने बताया कि कोत्तूर पंचायत के तारलागुड़ा में आयरन की मात्रा है कुछ हेंडपम्प को बंद करना पड़ा लेकिन पोटाकेबिन का पानी ठीक है 0.3पीपीएम से 0.7पीपीएम तक है आयरन की मात्रा है। यहाँ पानी पीने योग्य है, फ्लोराइड की मात्रा बिल्कुल नहीं है। कोत्तुर में 31और तारलागुड़ा में 11 हेंडपम्प है। हरिजन पारा, थाना के पास और पोटाकेबिन के पास के तीन हेंडपम्पो में आयरन की मात्रा अधिक होने से उन्हें बंद करना पड़ा।

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Author: Deepak Mittal

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