नव भारत टाइम्स 24×7 के ब्यूरो चीफ जे.के. मिश्रा की रिपोर्ट:
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इलाज के दौरान लापरवाही से युवक की मौत के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने अस्पताल और डॉक्टर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।

बिलासपुर के जिला उपभोक्ता फोरम ने इलाज और ऑपरेशन में हुई लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए यह फैसला सुनाया है। डॉक्टर और न्यू वेल्यू हॉस्पिटल को 45 दिनों के भीतर मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये देने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, आदेश की एक कॉपी स्टेट मेडिकल काउंसिल को भेजने का निर्देश दिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
जांजगीर-चांपा के निवासी छोटेलाल, जो बिलासपुर के मंगला क्षेत्र में रह रहे थे, उन्हें गले में सर्वाइकल पेन की समस्या होने पर 2016 में मगरपारा स्थित न्यू वेल्यू हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। वहां लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. ब्रजेश ने एमआरआई के बाद उनका ऑपरेशन किया और दूषित रक्त चढ़ा दिया। इस लापरवाही के कारण छोटेलाल की तबियत बिगड़ गई, उनका पेट फूल गया और अंतड़ी फट गई। इसके बाद दोबारा ऑपरेशन किया गया, लेकिन अगले ही दिन हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई।

छोटेलाल के परिजनों ने इस लापरवाही के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराई। सुनवाई के दौरान, डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन ने एक बार भी डिस्चार्ज समरी प्रस्तुत नहीं की। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष आनंद कुमार सिंघल, सदस्य आलोक पांडेय और पूर्णिमा सिंह ने मामले की सुनवाई के बाद डॉक्टर ब्रजेश और न्यू वेल्यू हॉस्पिटल को मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये 45 दिनों के भीतर देने का आदेश दिया है।,,000

Author: Deepak Mittal









