रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में स्मरण करते हुए 1975 के आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 25 जून 1975 भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय है, जब देश पर जबरन आपातकाल थोपा गया था।
लोकतंत्र सेनानियों को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा,
“हम उन सभी वीर लोकतंत्र सेनानियों को नमन करते हैं, जिन्होंने संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेलों की यातनाएं सही।”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ सरकार ने “लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2025” पारित किया है। इस विधेयक के अंतर्गत उन सेनानियों को, जो आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए जेल गए, प्रोत्साहन स्वरूप ₹25,000 प्रतिमाह की सम्मान राशि दी जाएगी।
लोकतंत्र को बताया अधिकारों की आत्मा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं बल्कि नागरिक अधिकारों की आत्मा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे 1975 की घटनाओं से सबक लें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सजग रहें।
सम्मान और सहभागिता
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी, जनप्रतिनिधि, भाजपा कार्यकर्ता, और नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने मंच पर उपस्थित लोकतंत्र सेनानियों को शॉल और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री के इस बयान और विधेयक को राजनीतिक और सामाजिक हलकों में लोकतंत्र के प्रति एक सशक्त प्रतिबद्धता के रूप में देखा जा रहा है।
