दंतेवाड़ा — एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के 6 नंबर चैकडैम से रविवार की दोपहर को भारी बारिश में सैलाब के रूप में बहकर आये आयरन ओर के मलवे से आई आपदा का निरीक्षण करने मंगलवार की सुबह दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी किरंदुल पहुंचे ।जहां उन्होंने एनएमडीसी के 6 नम्बर चैकडैम के निरीक्षण के साथ साथ छतिग्रस्त हुए सभी स्थानों के साथ साथ आपदा पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की ।मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि 24 घंटे जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की निगरानी में राहत कार्य जारी है ।
प्रभावित मकानों के अंदर से मलवे को निकालने का कार्य 24 घंटे जारी है ।प्रभावित परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट किया जा रहा है ।सर्वे चल रहा है प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जावेगा ।तत्काल सहयोग के लिए एनएमडीसी से बातचीत जारी है संभवता आज शाम तक तत्काल सहयोग राशि का निर्णय ले लिया जावेगा ।
उन्होंने आपदा से पीड़ित परिवारों से भी आग्रह किया कि मुआवजे के लिए चल रहे सर्वे में सहयोग प्रदान कर संबंधित अधिकारियों को नष्ट हुए सामान की जानकारी प्रदान करें । दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के आश्वासन के बाद जिला प्रशासन तथा एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के प्रबंधन के साथ हुई बैठक के बाद मंगलवार की देर रात को एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के द्वारा बंगाली कैम्प के मंगल भवन में 179 आपदा पीड़ितों को 20 – 20 हजार की तत्काल सहायता राशि का चेक के माध्यम से भुगतान किया ।
इस दौरान एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के महाप्रबंधक उत्पादन राजा कुमार ,उपमहाप्रबंधक कार्मिक बी के माधव ,एसडीएम बड़े बचेली विवेक चंद्रा ,तहसीलदार बड़े बचेली जीवेश सोरी ,एनएमडीसी के महाप्रबंधक विद्युत सुब्रमण्यम ,महाप्रबंधक ख़ान एस के कोचर ,प्रबंधक सिविल महेश संबेटा ,सिविल प्रमुख टी रामनाथ ,भाजपा नेता रविंद्र सोनी ,धर्मपाल मिश्रा विशेष रूप से मौजूद रहे ।
उल्लेखनीय हैं कि बैलाडीला क्षेत्र में लगातार 5 दिनों से हो रही तेज़ बारिश ने रविवार को उस वक़्त भयानक रूप ले लिया था जब एनएमडीसी लौह अयस्क की खदान क्रमांक 11बी के चेक डेम नंबर 6 के ऊपर से पानी बहने लगा और देखते ही देखते पानी का सैलाब लौह चूर्ण के साथ पहाड़ी नालों के रास्ते नगर में घुस गया । थोड़ी देर में चारो तरफ तबाही का मंजर देखने को मिला किरंदुल बंगाली कैम्प के 3 नंबर वार्ड 4 नंबर वार्ड 6 नंबर वार्ड में लौह चूर्ण के साथ पहाड़ी नाले का पानी घरों में घुस गया ।
घर का समान छोड़ जान बचा कर लोग भागे थे लाल पानी का सैलाब इतना भयानक था कि उसके जद में जो कुछ भी आया उसको बहा कर ले गया ।

Author: Deepak Mittal
