वनांचल में हमने देखी बाइक एम्बुलेंस, आदिवासियों को मिल रही चिकित्सा सुविधा
नव भारत टाइम्स 24 x 7 के ब्यूरो चीफ जे.के. मिश्रा की रिपोर्ट:
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं से अब वनांचल की तस्वीर बदलने लगी है। ग्रामीणों को राहत मिल रही है और बाइक एंबुलेंस के माध्यम से उन क्षेत्रों में भी चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जा रही है, जहां संजीवनी 108 और महतारी 102 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती।
अप्रैल की 28 तारीख को कोटा विधानसभा क्षेत्र के वनांचल इलाके का दौरा किया गया। यह क्षेत्र अचानकमार टाइगर रिजर्व से लगा हुआ है, जहां पहाड़ी रास्तों और 25 से 30 किलोमीटर घाटियों से गुजरना पड़ता है। तराई में बसे इन गांवों में अगर कोई बीमार पड़ जाए तो चिकित्सा सुविधा मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है।
लेकिन अब केंद्र सरकार की योजनाओं ने इसे संभव बना दिया है। जंगल से लगे गांवों की सड़कों पर बाइक एम्बुलेंस दौड़ रही है। हमने इन सुविधाओं को नजदीक से देखा और बाइक एम्बुलेंस चलाने वाले नर्सिंग स्टाफ से भी बातचीत की। यह सेवा वनांचल के आदिवासियों के लिए वरदान साबित हो रही है।
बाइक एम्बुलेंस चलाने वाले नर्सिंग स्टाफ विश्वनाथ ने बताया कि अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया के गांवों में अब लोगों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल रही है। जैसे ही सूचना मिलती है, बाइक एम्बुलेंस कुछ ही घंटों में पहुंच जाती है। सभी बाइक एम्बुलेंस प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ द्वारा चलाई जा रही हैं। ये स्टाफ न केवल तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर मरीज को पास के अस्पताल में भी पहुंचाते हैं। चाहे भीषण गर्मी हो, वर्षा ऋतु हो या सर्दी, सभी मौसम में चौबीस घंटे यह सुविधा उपलब्ध है।
चिकित्सा के क्षेत्र में केंद्र सरकार की इस योजना से आदिवासियों को काफी राहत मिल रही है। जंगल के क्षेत्रों में यह एक क्रांतिकारी बदलाव है। कोटा,,
