मनमानी फीस को लेकर आयोग सख्त, निजी स्कूलों को बाहर बोर्ड लगाकर बतानी होगी फीस, आदेश जारी

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

नव भारत टाइम्स 24 x 7 के ब्यूरो चीफ जे.के. मिश्रा की रिपोर्ट:

छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर सख्त रुख अपनाते हुए सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है कि निजी स्कूलों की फीस की जानकारी सार्वजनिक की जाए। अब निजी स्कूल मनमानी तरीके से फीस वसूल नहीं कर सकेंगे। उन्हें स्कूलों के बाहर 4×8 फीट का बोर्ड लगाकर फीस की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। इसके अलावा वेबसाइट पर भी जानकारी अपलोड करनी होगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस को लेकर हर साल कई तरह की शिकायतें आती हैं। कई निजी स्कूल संचालक किसी न किसी बहाने से मनमानी फीस लागू कर देते हैं, जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। अब जारी आदेश में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ अशासकीय फीस विनियमन और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार फीस तय होगी। उसी के मुताबिक स्कूल अपनी फीस बढ़ा सकते हैं।

20 जून तक मांगी गई है जानकारी

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्राइवेट स्कूलों को 20 जून तक फीस की सूची मांगी है। इसमें यह भी कहा गया है कि तय मानक के अनुसार ही फीस की बढ़ोतरी करनी होगी। तय की गई कक्षावार फीस में प्रबंधन द्वारा मनमाने तरीके से छूट देने और अन्य नाम से फीस लेने का अधिकार नहीं होगा। प्रवेश या बच्चों के शाला ट्रांसफर करने की प्रक्रिया में भी पालकों से मनमानी फीस वसूली न की जाए।

इस कारण से फीस को लेकर है दिक्कत

आयोग के पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूलों में फीस विनियमन कानून के अनुसार स्कूल फीस समिति में जागरूक और निष्पक्ष अभिभावकों को शामिल नहीं करने, आय-व्यय से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं करने और जिला फीस समिति की नियमित बैठक नहीं करने की वजह से प्रथम बार की उपयुक्त फीस का निर्धारण नहीं हो पाया है।

इस सख्त निर्देश से उम्मीद है कि निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता के साथ फीस वसूली जाएगी, जिससे पालकों को राहत मिलेगी और शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन होगा।

 

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment