नवभारत टाइम्स 24X7.in के ब्यूरो चीफ जे.के. मिश्रा की रिपोर्ट:
छत्तीसगढ़ में शराब खरीदी नियम में बदलाव के बाद सरकार का बड़ा कदम, हाई कोर्ट में क्यों लगाई कैविएट
छत्तीसगढ़ में 19 जून को विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें से एक अहम फैसला शराब खरीदी व्यवस्था को लेकर भी था। इस निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है।
इससे पहले, सरकार ने इस निर्णय के आदेश भी जारी किए हैं। सरकार को यह आभास था कि शराब खरीदी व्यवस्था में बदलाव से शराब सिंडिकेट पर असर पड़ सकता है, जो इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। इसलिए, सरकार ने पहले ही हाई कोर्ट में कैविएट लगाकर इस पर तैयारी कर ली है।
कैविएट से सरकार को क्या लाभ?
शराब खरीदी व्यवस्था में बदलाव के बाद हाई कोर्ट में कैविएट लगाने का निर्णय सरकार ने इसलिए लिया है, क्योंकि इसमें कोई भी व्यक्ति हाई कोर्ट में आपत्ति लगा सकता है। कैविएट के कारण, सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोई भी कोर्ट से एकतरफा स्टे नहीं ले सकेगा। इस समयावधि में सरकार की ओर से दाखिल कैविएट काम आएगी, जिससे कोर्ट कोई भी फैसला देने से पहले सरकार का पक्ष जरूर सुनेगी।
इस फैसले से होंगे बड़े बदलाव
जानकारी मिली है कि राज्य सरकार ने एक नियम में बदलाव कर शराब में चल रहे बड़े खेल पर सीधा हमला कर उसे समाप्त कर दिया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पिछली बीजेपी सरकार की बनाई आबकारी नीति में बदलाव किया था और एफएल-10 लाइसेंस का नियम बनाया था।
नकली होलो ग्राम से बेची नकली शराब
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार ने इस नियम में बदलाव कर अपने चहेते फर्मों को सप्लाई का जिम्मा दे दिया था, जिससे प्रदेश में अवैध शराब
Author: Deepak Mittal









