चावल घोटाले का सरगना है रवि, तीन दुकानों का है सेल्समैन

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नव भारत टाइम्स 24 x 7 के ब्यूरो चीफ जे.के. मिश्रा की रिपोर्ट:

रवि परियानी, जो तीन राशन दुकानों का सेल्समैन है, प्रदेश में चल रहे चावल घोटाले का मुख्य आरोपी है। रवि ने पिछले दो वर्षों में लाखों क्विंटल राशन की हेराफेरी की है। खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट में रवि को दोषी ठहराया गया है और कलेक्टर ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सिविल लाइन थाने को प्रतिवेदन भेजा है। हालांकि अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन गिरफ्तारी के डर से रवि भूमिगत हो गया है।

रवि परियानी वर्तमान में आशा खाद्य सुरक्षा पोषण उपभोक्ता सेवा सहकारी सोसाइटी (महिला समूह डीपूपारा, आईडी 401001025), जय मां काली स्व सहायता समूह बिरकोना (आईडी 401001139), और खैरमाता खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति मर्यादित (आईडी 401001134) का संचालन कर रहा है। इसके अलावा अन्य सरकारी राशन दुकानों में भी रवि परियानी का सीधा हस्तक्षेप है।

मनमानी फीस और अधिकारियों की मिलीभगत

खाद्य विभाग, नगर निगम और राशन दुकानदारों की मिलीभगत से यह घोटाला अंजाम दिया गया है। सभी ने मिलकर एपीएल कार्ड को बीपीएल में बदलकर लाखों क्विंटल राशन की हेराफेरी की है। जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच बीपीएल कार्डधारियों के राशन कार्ड का नवीनीकरण किया गया था। इस प्रक्रिया के दौरान, विभिन्न वार्डों में एपीएल कार्डधारियों के नंबर विलोपित कर बीपीएल में बदल दिए गए।

खाद्य विभाग की जांच और कलेक्टर का प्रतिवेदन

खाद्य विभाग की जांच में विक्रेता रवि को दोषी ठहराया गया है। कलेक्टर ने सिविल लाइन थाने को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। देर रात एफआईआर दर्ज होने की संभावना है।

निगम की जांच में सभी पाक साफ

नगर निगम की जांच में बताया गया कि 19 कार्ड एपीएल से बीपीएल में बदले गए, जिनमें से 15 हितग्राहियों को इसके बारे में जानकारी थी, जबकि चार को नहीं थी। निगम आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि चार हितग्राही ने बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया था और दुकानदार ने उन्हें नहीं बताया कि उनके नाम से बीपीएल कार्ड बना है और अंतर का राशन विक्रेता गबन कर रहा था।

पल्ला झाड़ रहा खाद्य विभाग

खाद्य विभाग राशन कार्ड के लिए नगर निगम को जिम्मेदार बताकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। खाद्य नियंत्रक और खाद्य निरीक्षक अपनी जिम्मेदारियों से बचने का बहाना बना रहे हैं। यदि निगम ही जिम्मेदार है, तो खाद्य नियंत्रक और खाद्य निरीक्षक की भूमिका क्या है? सरकारी सुविधा, साधन और है लेकिन कर्तव्य और जिम्मेदारी नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए, इनकी सहमति और संरक्षण के बिना विभाग में कुछ भी नहीं हो सकता।

वर्जन

सिविल लाइन टीआई प्रदीप आर्य ने कहा कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है। एसआई भावेश को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया है और संभवतः देर रात तक अपराध दर्ज हो जाएगा।

 

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Author: Deepak Mittal

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