कश्मीर में नहीं बचेगा एक भी आतंकवादी, गृहमंत्री ने LG मनोज सिन्हा के साथ बैठक में बताया पूरा प्लान

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आतंक मुक्त जम्मू-कश्मीर के लक्ष्य को जल्द हासिल करने का भरोसा जताया। शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की समीक्षा के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के निरंतर और समन्वित प्रयासों के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का इको-सिस्टम लगभग खत्म हो गया है।

बैठक में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल

बैठक में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक (आईबी), रा प्रमुख, सेनाध्यक्ष, जीओसी-इन-सी (उत्तरी कमान), डीजीएमओ, जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद से पूरी तरह से मुक्ति के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

गृहमंत्री ने सभी सुरक्षाबलों के एकजुट प्रयासों के साथ जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद पर संपूर्ण वर्चस्व स्थापित करने के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जताई। शाह ने कहा कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के लोगों की अभूतपूर्व भागीदारी से पता चलता है कि उनका देश के लोकतंत्र पर पूरा विश्वास है।

आतंकी घटनाओं में आई गिरावट

अमित शाह ने आतंकी घटनाओं, घुसपैठ और आतंकवादी संगठनों में युवाओं की भर्ती में उल्लेखनीय गिरावट के लिए सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आतंकवाद का इको-सिस्टम तो लगभग समाप्त हो गया है। लेकिन इसको पूरी तरह से खत्म करने के लिए सभी सुरक्षा एजेंसिओं को समन्वित तरीके से काम जारी रखना होगा। इसके लिए शाह ने एरिया डामिनेशन प्लान और जीरो टेरर प्लान किर्यान्वयन मिशन मोड में करने पर जोर दिया।

उमर अब्दुल्ला ने भी की गृहमंत्री से मुलाकात

वहीं, गुरुवार को ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने को लेकर आज मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस बाबत अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मिलकर राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।

बता दें कि अगस्त 2019 में तत्कालीन राज्य के पुनर्गठन के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अब्दुल्ला की केंद्रीय मंत्री के साथ यह दूसरी मुलाकात है।

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Author: Deepak Mittal

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