उरमाल मोहरा मार्ग पर बने उच्च स्तरीय पुल का पक्की एप्रोच सड़क बारिश से पहले ही कई जगह उखड़ा, इंजीनियर को पता नही और हो गया मरम्मत

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लतीफ मोहम्मद नवभारत टाइम्स 24 x7in ब्यूरो प्रमुख गरियाबंद

मैनपुर:(गरियाबंद)-उरमाल से ओडिसा के नवरंगपुर जिले को जोड़ने तेल नदी के मोहरा घाट पर उच्च स्तरीय पूल का निर्माण किया गया है।उरमाल की ओर पूल को जोड़ने 641 मीटर लंबी एप्रोच सड़क का काम होना था लेकिन काम की लंबाई कम नज़र आ रहा हैं।लेकिन राज्य मार्ग के मापदंड पर बने ये अप्रोच मार्ग बे मौसम बरसात का पानी भी नहीं झेल सके,पखवाड़े भर पहले हुए बारिश के बाद सड़क की मिट्टी दबने लगा,और सड़क
कई जगह से उखड़ गया था। कार्य गारंटी पिरिएड में होने के कारण ठेका कम्पनी ने आनन-फानन में अब गड्ढे को मरम्मत भी कर दिया है। लेकिन बनने के महीने भर के भीतर उखड़ रहे सड़क निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही की कलई खोल के रख दिया है।

इंजीनियर बोले पता नहीं:- मामले में पहले कार्य के साइड इंजिनियर अरविंद गौतम से हमने बात किया तो उन्होंने सड़क उखड़ने की बात से अंभिग्यता जाहिर किया,पूछने पर यह भी बताए कि वे माह भर पहले लास्ट टाइम इस एरिया का विजिट किए थे। सड़को में हुए गढ्ढे की पुष्टि एसडीओ एस के पंडोले ने किया पर उन्होंने कहा की अब कोई गढ्ढे नही है। दो दीन पहले ही इसे मरम्मत कर दिया गया है। लापरवाही की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा की बड़ी बड़ी काम में छोटी मोटी गलती मायने नहीं रखता।

मिट्टी और कांपेकशन के खेल में फेल हुआ निर्माण:- जानकार बताते हैं कि ऐसी नौबत तभी आती है,जब सड़क निर्माण के समय तय मात्रा में मिट्टी नहीं डाला जाता,न ही उसे पर्याप्त पानी डाल कर वाइब्रो रोलर से कांपेकशन किया जाता है। इन परिस्थिति में वाहन के दबाव व कम बारिश के बावजूद सड़के धसने लगती है। जानकारो का दावा है की उक्त सड़क पहली बारिश भी नही झेल पाएगी।

दो साल से ज्यादा अवधी का एक्टेंशन लिया,लागत बढ़ गई:-लोक निर्माण विभाग के सेतु शाखा द्वारा कराए जा रहे इस कार्य का कार्यादेश 30 मार्च 2020 को जारी हुआ। पवन कुमार अग्रवाल फर्म से इसका अनुबंध हुआ। 2021 में कोरोना काल आया तो दो साल का अतरिक्त समय मिल गया। काम में एप्रोच व पूल निर्माण का कार्य अभी पुरा नहीं हुआ है।निर्माण कार्य चल ही रहा है। कार्य में विलंब होने के कारण बढ़े हुए मैटेरियल रेट के चलते इसके लागत में भी वृद्धि हो गई। शायद यही वजह है की विभाग कार्य के गुणवत्ता के साथ समझौता कर लिया है।

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Author: Deepak Mittal

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