छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे नगरीय निकाय चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ रही है. सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच छींटा कसी का खेल जारी है. जहां छग भाजपा ने आज घोषणा पत्र जारी किया तो कांग्रेस कल यानी 4 फरवरी को अपना मेनिफेस्टो जारी करेगी. इससे पहले कांग्रेस ने भाजपा के “जन घोषणा पत्र” पर सियासी प्रहार किया.
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने आज मीडिया से चर्चा में कहा कि बीजेपी ने घोषणा पत्र पेश किया, जिसे अटल विश्वास पत्र नाम दिया है. 2023 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र का नाम भाजपा ने मोदी की गारंटी रखा था. एक साल में गारंटी फेल हो गई, जिसकी वजह से दोबारा उसी नाम से घोषणा पत्र जारी करने का भाजपा में साहस नहीं है.
क्योंकि बीजेपी सरकार 20 में से एक भी वादे पूरी नहीं कर पाई. बात ऐसी है कि पीएम मोदी के प्रति विश्वास खत्म हो चुका है, सीएम विष्णुदेव के वादे से भरोसा उठ चुका है. इसलिए अब छत्तीसगढ़ भाजपा ने विष्णु और नरेंद्र मोदी दोनों से परहेज कर लिया है और अब पूर्व पीएम अटल वाजपाई के शरण में आ गए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि दो महीने पहले साय कैबिनेट की बैठक में भू स्वामित्व देने का निर्णय लिया गया था. उस नियम को रद्द कर दिया और अब पट्टा देने का चुनावी वादा कर रहे हैं. गौशाला बंद कर गोकुल नगर के विस्तार की बात कर रहे हैं. सिकल सेल अनीमिया से मुक्ति की बात कर रहे हैं. इन्होंने तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहले से जो अभियान चलाया जा रहा है, उसके बजट में 50% कटौती की है.
