(जे के मिश्र ) बिलासपुर। सटोरिया ने पुलिस के खिलाफ खुलेआम चुनौती देते हुए कहा कि वह रोजाना तोरवा पुलिस को 5000 रुपये देता है, और उसे पकड़ने पर भी कुछ नहीं हो सकता। इस सटोरिए ने फिल्मी अंदाज में आईपीएस अधिकारी को ललकारते हुए कहा, “मुझे पकड़ कर क्या कर लोगे? मैं पैर से दिव्यांग हूं। दो दिन में छूट जाऊंगा और फिर देखना, मैं क्या कर सकता हूं।” यह घटना बुधवार को शंकरनगर इलाके में हुई, जहां सिविल लाइन सीएसपी उमेश गुप्ता (आईपीएस) ने छापामारी कर सट्टा खिलाते हुए इस व्यक्ति को रंगे हाथों पकड़ा।
शंकरनगर-बापू नगर में सट्टे का धंधा
शंकरनगर और बापू नगर क्षेत्र में सट्टेबाजी का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। चुचुहियापारा शराब दुकान के हटने के बाद, इस इलाके में सट्टेबाजी के लिए रोजाना भीड़ जुटती है। स्थानीय लोगों ने कई बार तोरवा पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय महज आश्वासन देकर मामले को नजरअंदाज कर दिया। बुधवार को जब सीएसपी उमेश गुप्ता ने अचानक छापामारी की, तो सटोरिए संतोष बजाज ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे पुलिस ने पकड़ लिया।
तोरवा पुलिस पर गंभीर आरोप
पकड़े जाने के बाद संतोष बजाज ने पुलिस पर जमकर आरोप लगाए। उसने तोरवा पुलिस पर नियमित रूप से रिश्वत लेने और मामले में मिलीभगत का आरोप लगाया। उसने यहां तक कहा कि पुलिस रोज उससे 5000 रुपये लेती है और उसे सट्टेबाजी की अनुमति देती है। इसके बाद संतोष ने आत्महत्या की धमकी दी और रेलवे ट्रैक की तरफ भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया।
टीआई का फोन नहीं उठाना और पेट्रोलिंग गाड़ी की देरी
सीएसपी उमेश गुप्ता की छापामारी के दौरान तोरवा टीआई राहुल तिवारी को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। काफी समय बाद उनसे संपर्क हो सका, लेकिन इसके बावजूद पुलिस पेट्रोलिंग की गाड़ी देर से पहुंची। इस देरी से गुस्साए आईपीएस गुप्ता ने सख्ती दिखाते हुए सटोरिए को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
सट्टेबाजी के साथ चोरियों में भी इजाफा
रेलवे क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में सट्टेबाजी के साथ-साथ चोरियों की घटनाएं भी बढ़ी हैं। यहां तक कि मंदिरों की दानपेटी भी सुरक्षित नहीं रही। पुलिस ने कुछ चोरों को पकड़ने का दावा किया था, लेकिन चोरी हुए माल का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। सीएसपी उमेश गुप्ता की इस कार्रवाई से लोगों को उम्मीद है कि अब अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा, और क्षेत्र में शांति बहाल हो सकेगी।

Author: Deepak Mittal
