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क्या है PAN 2.0, क्यों इनकम टैक्स ला रहा नया सिस्टम? क्या मौजूदा पैनधारकों को बनाना होगा नया कार्ड

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Deepak Mittal

नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अगले साल 1,435 करोड़ रुपये का पैन 2.0 प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इसके लिए आईटी कंपनी LTIMindtree को चुना गया है। ये कंपनी इस प्रोजेक्ट को डिजाइन, डेवलप, लागू करने और मेंटेन करने का जिम्मा संभालेगी।

ये नया सिस्टम पैन (PAN) और टैन (TAN) से जुड़े सारे काम, जैसे नया पैन बनवाना, डिटेल्स अपडेट करना, आधार-पैन लिंकिंग, दोबारा पैन जारी करना और ऑनलाइन पैन वेरिफिकेशन, सब कुछ एक ही जगह पर आसान कर देगा। इसका मकसद है कि पैन और टैन से जुड़ी प्रक्रियाएं आसान हों, सर्विस बेहतर हो और शिकायतों का जल्दी समाधान हो।

पैन 2.0 में टेक्नोलॉजी का जबरदस्त इस्तेमाल होगा। कागजी काम खत्म होगा, पैन बनवाना, अपडेट करना या सुधार करना मुफ्त होगा और ई-पैन सीधे रजिस्टर्ड ईमेल पर भेजा जाएगा। ये सिस्टम हर काम को तेज, आसान और पारदर्शी बनाएगा।

पैन 2.0 आखिर है क्या?

25 नवंबर 2024 को कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने इस 1,435 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। अभी पैन से जुड़ी सेवाएं तीन अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स, मसलन ई-फाइलिंग पोर्टल, UTIITSL पोर्टल और प्रोटीन ई-गव पोर्टल पर अलग अलग होती हैं।

पैन 2.0 के जरिए ये सारी सेवाएं एक ही पोर्टल पर आ जाएंगी, जिससे यूजर्स को एक जगह सारी सुविधाएं मिलेंगी।

इस नए सिस्टम में सब कुछ डिजिटल होगा। पैन कार्ड बनवाने से लेकर उसमें बदलाव तक, सारा काम ऑनलाइन और मुफ्त होगा। ई-पैन को सीधे आपके ईमेल पर भेजा जाएगा। इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।

मौजूदा पैन होल्डर्स को क्या करना चाहिए?

पैन एक 10 अंकों का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर है। ये इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को देता है। उसी तरह, टैन भी 10 अंकों का नंबर है, जो उन लोगों को मिलता है जो टैक्स काटने या जमा करने के जिम्मेदार होते हैं। अभी देश में 81.24 करोड़ से ज्यादा पैन होल्डर्स और 73 लाख से ज्यादा टैन होल्डर्स हैं। अच्छी खबर ये है कि मौजूदा पैन होल्डर्स को पैन 2.0 के तहत नया पैन बनवाने की जरूरत नहीं है। आपका पुराना पैन ही काम करेगा।

बस इतना ध्यान रखें कि आपका पैन आधार से लिंक हो और आपकी डिटेल्स अपडेट हों। अगर कुछ बदलाव करना हो, तो नया पोर्टल इसे और आसान बना देगा।

पैन 2.0 के फायदे क्या हैं?

पैन 2.0 सिस्टम कई फायदे लाएगा। ये सिस्टम आसान पहुंच, तेज़ सर्विस, बेहतर क्वालिटी, डेटा की एकरूपता, इको-फ्रेंडली प्रक्रियाएं और लागत में बचत सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा, सिक्योरिटी को और मजबूत किया जाएगा ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे। ये सिस्टम ज्यादा चुस्त और भरोसेमंद होगा, जिससे यूजर्स को हर काम में आसानी होगी।

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Author: Deepak Mittal

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