पटना. बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद सोमवार को हुई पटना में आरजेडी नेताओं की बड़ी बैठक हुई. बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद पहली बार पूरा नेतृत्व एक साथ बैठा और रणनीतियों पर चर्चा हुई और विधायकों का मनोबल बढ़ाने की कोशिश की गई. बैठक में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद के साथ राबड़ी देवी, डॉ. मीसा भारती, अब्दुलबारी सिद्दिकी, जगदानंद सिंह, मंगनी लाल मंडल, उदय नारायण चौधरी, रणविजय साहू समेत पार्टी के दूसरे कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे.
इस मीटिंग में राजद विधायकों ने तेजस्वी यादव को राजद विधायक दल का नेता चुन लिया. लेकिन, मीटिंग का सबसे महत्वपूर्ण पल वह था जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने घर के भीतर की पारिवारिक कलह पर टिप्पणी कर दी. बता दें कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो बीते दिनों से मीडिया और राजनीति का केंद्र बना हुआ है.
लालू यादव ने तोड़ी चुप्पी
जानकारी के अनुसार, बैठक में राजद के विधायक और नेता जब राजनीतिक रणनीतियों पर चर्चा कर रहे थे, तभी लालू प्रसाद से रोहिणी आचार्य के विवाद पर सवाल-जवाब शुरू हुआ. काफी दिनों से चुप रहने वाले लालू ने पहली बार स्पष्ट शब्दों में कहा- घर का विवाद, घर में ही सुलझा लेंगे… आप लोग चिंता मत कीजिए. लालू ने साथ ही विधायकों को सलाह दी कि वे इस विवाद पर सार्वजनिक टिप्पणी न करें और पार्टी की दिशा और जनता के मुद्दों पर संघर्ष से ध्यान न हटने दें. उनके इस रुख से बैठक में मौजूद नेता आश्वस्त दिखे कि परिवार के भीतर मतभेद पार्टी के निर्णयों को प्रभावित नहीं करेंगे.
बढ़ी राजनीतिक हलचल
जानकारों की नजर में लालू यादव का यह बयान संकेत देता है कि वे नहीं चाहते कि यह कलह पार्टी की छवि पर और गहरा असर डाले. बता दें कि लालू परिवार की कलह तब चर्चा में आई जब रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर अपने साथ हुए अपमान, मानसिक तनाव और परिवारिक दबाव के आरोप लगाए. उनके इन बयानों ने राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा हुई है. राजद की हार के बाद जब पार्टी पहले ही कमजोर स्थिति में दिख रही थी तब इस विवाद ने अंदरूनी खींचतान को उजागर कर दिया. हालांकि, सार्वजनिक रूप से तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन अंदरखाने इसे पार्टी पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गंभीरता से लिया जा रहा है.
संगठन पुनर्गठन की तैयारी
यह भी जानकारी आई है कि राजद की बैठक में तेजस्वी यादव ने विधायकों से मतदान क्षेत्रवार फीडबैक लिया और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की योजना का खाका रखा. उन्होंने हार के कारणों पर चर्चा की और खासकर युवाओं व महिलाओं के बीच पकड़ कमजोर होने को एक बड़ी चुनौती बताया. तेजस्वी यादव ने संकेत दिया कि आने वाले महीनों में पार्टी जमीनी स्तर पर संवाद बढ़ाएगी और क्षेत्रों में व्यापक कैंपेन चलाए जाएंगे.
मनोबल बढ़ाने की कोशिश
बैठक में मौजूद नेताओं ने माना कि पार्टी को फिलहाल एकता दिखाने की जरूरत है. हार ने असंतोष पैदा किया है, लेकिन इस दौर में नेतृत्व को मजबूत और स्पष्ट संदेश देना आवश्यक है. लालू की मौजूदगी और उनके द्वारा दिया गया एकजुट रहने का संदेश विधायकों के बीच भरोसा बढ़ाने वाला माना गया. जाहिर है राजद नेतृत्व अब हार से सीखकर आगे बढ़ने का दावा कर रहा है.
नया रास्ता खोजने की कवायद
लालू यादव के घर का पारिवारिक विवाद पर पहली बार बोलना यह भी बताता है कि वे चाहते हैं कि पार्टी का ध्यान राजनीति पर रहे, न कि घर की कलह पर. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहिणी आचार्य आगे क्या रुख अपनाती हैं और क्या यह विवाद यहीं थम जाता है या आने वाले दिनों में आरजेडी के लिए नई चुनौती बनकर लौटता है.
Author: Deepak Mittal









