बेतहाशा बिजली बिल से परेशान सामाजिक कार्यकर्ता ने किया भूख हड़ताल शुरू..

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रायगढ़: बढ़ते बिजली बिल से परेशान होकर रायगढ़ के सामाजिक कार्यकर्ता नरेश कंकरवाल ने भूख हड़ताल का रास्ता अपनाया है। उनका कहना है कि पिछले छह माह से उन्हें खपत से कई गुना अधिक बिजली बिल मिल रहा है, और शिकायत के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।

नरेश कंकरवाल ने रायगढ़ एसडीएम से अनुमति लेकर बिजली विभाग के कार्यालय के सामने सोमवार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक भूख हड़ताल शुरू की है। उन्होंने कहा है कि यदि शाम तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता या कोई संतोषजनक आश्वासन नहीं मिलता, तो वह अपनी भूख हड़ताल को अनवरत जारी रखेंगे।

कंकरवाल ने बताया कि पिछले छह महीनों से उनके घर का बिजली बिल 10,000 रुपए प्रति माह आ रहा है, जबकि बिजली की खपत सामान्य है। इसके बावजूद उन्हें भारी-भरकम बिल का भुगतान करना पड़ रहा है, क्योंकि समय पर भुगतान नहीं करने पर अधिकारियों द्वारा बिजली काटने की धमकी दी जाती है।

उनका आरोप है कि उन्होंने इस समस्या की शिकायत कई बार की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिला कि मामले को देखा जाएगा। न तो उनके बिजली मीटर की जांच हुई और न ही बिल में कोई सुधार हुआ।

उन्होंने कहा कि शहर में लगे ज्यादातर मीटर अमानक हैं, जिनसे लोगों को खपत से अधिक बिल का भुगतान करना पड़ रहा है। यह समस्या केवल उनकी नहीं, बल्कि कई उपभोक्ता इस बोझ से त्रस्त हैं। कंकरवाल ने मांग की है कि शहर के सभी अमानक (जाली) मीटर बदले जाएं।

इस भूख हड़ताल के जरिए नरेश कंकरवाल ने उम्मीद जताई है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और बिजली विभाग जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कार्रवाई करेगा।

नरेश कंकरवाल के इस कदम से शहर के अन्य उपभोक्ताओं में भी जागरूकता बढ़ रही है। कई लोग उनकी इस भूख हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं और उनका कहना है कि वे भी इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

लेकिन कार्रवाई के अभाव में कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है। कुछ स्थानीय निवासी भी मौके पर पहुंचकर नरेश कंकरवाल के साथ अपनी एकजुटता जता रहे हैं और बिजली विभाग के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं।

शहर के अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और संगठनों ने भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की मांग की है। उनका कहना है कि बिजली विभाग को इस समस्या का तुरंत समाधान करना चाहिए और सभी मीटरों की जांच कर उपभोक्ताओं को सही बिल सुनिश्चित करना चाहिए।

यदि यह समस्या जल्द नहीं सुलझी, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है, जिसमें शहर के अन्य प्रभावित लोग भी शामिल हो सकते हैं।

बिजली विभाग की ओर से अभी तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि भूख हड़ताल की वजह से अधिकारी इस समस्या को गंभीरता से लेंगे और नरेश कंकरवाल व अन्य प्रभावित उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करेंगे।

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Author: Deepak Mittal

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